लक्ष्य सेन का बैडमिंटन के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित टूर्नामेंट ऑल इंग्लैंड को जीतने का सपना अधूरा रह गया जब उन्हें फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 और मौजूदा ओलम्पिक चैंपियन डेनमार्क विक्टर एक्सेलसन के हाथों 10-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा। भले ही 20 वर्षीय युवा भारतीय खिलाड़ी को शिकस्त झेलनी पड़ी लेकिन उनका टूर्नामेंट में अभियान बेमिसाल रहा जिससे वे काफी सकारात्मकता अपने साथ वापस ले जाएंगे।
इससे पहले लक्ष्य ने 21 साल बाद किसी भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी के इस टूर्नामेंट में फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड बनाया था। उनसे पहले 2001 में पुलेला गोपीचंद ने यहां खिताब जीता था, साथ ही उनसे 21 साल पहले 1980 में प्रकाश पादुकोण ने भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इनके अलावा प्रकाश नाथ ने सबसे पहले 1947 में ऑल इंग्लैंड के फाइनल में जगह बनाई थी, जबकि महिला एकल में साइना नेहवाल 2015 में रजत पदक जीत चुकी हैं।
विक्टर एक्सेलसन ने लक्ष्य को कोई मौका नहीं दिया
पिछले सप्ताह जर्मन ओपन के अंतिम-4 में एक्सेलसन को तीन गेम में पराजित करने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि मौजूदा ओलम्पिक चैंपियन को एकबार फिर युवा लक्ष्य से ऐसी ही टक्कर मिलेगी। हालांकि, इसके ठीक उलट हुआ और विक्टर ने पहला गेम बड़ी ही आसानी से 21-10 से अपने नाम कर लिया।
इसके बाद दूसरे गेम में भी कुछ देर तक एक्सेलसन को सेन से अधिक टक्कर नहीं मिल रही थी। लेकिन ब्रेक से वापस आने के बाद भारतीय खिलाड़ी ने बेहतर खेल दिखाना शुरू किया। उन्होंने तीन मैच पॉइंट जरूर बचाए लेकिन शायद उनकी कोशिश में थोड़ी देर हो गयी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि विक्टर बहुत आगे निकल चुके थे और अपने युवा विरोधी को और कोई अंक लेने से पहले ही मात दे दी।
इस शिकस्त के बावजूद लक्ष्य के लिए पिछले 3 महीने काफी शानदार रहे हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद सेन ने 2022 सीजन का आगाज वर्ल्ड चैंपियन लोह कीन यिऊ को हराकर इंडिया ओपन सुपर 500 जीतकर किया। फिर जर्मन ओपन में इस युवा भारतीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर-5 एंथोनी गिंटिंग और विक्टर एक्सेलसन को हराया। अब ऑल इंग्लैंड में उन्होंने वर्ल्ड नंबर-3 एंडर्स एंटोनसेन और गत विजेता ली जी जिया को पराजित किया।