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बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप: पीवी सिंधु ने संघर्षपूर्ण मुकाबले में अकाने यामागुची से पराजित होकर जीता कांस्य पदक

भारत की शीर्ष खिलाड़ी पीवी सिंधु को जापान की अकाने यामागुची के हाथों शिकस्त झेलकर बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

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Manoj Kumar
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PV Sindhu. (Photo Source: Badminton Asia/Twitter)

PV Sindhu. (Photo Source: Badminton Asia/Twitter)

भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधु के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि वे अमूमन बड़े टूर्नामेंटों में अपना सर्वोच्च खेल दिखाती हैं। इस बात में सच्चाई भी नजर आती है क्योंकि सिंधु का BWF वर्ल्ड टूर के स्पर्धाओं में प्रदर्शन निराशाजनक रहता है, लेकिन वे वर्ल्ड चैंपियनशिप, ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ गेम्स आदि में पदक जीत लेती हैं। यही चीज़ उन्होंने बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप 2022 में भी करते हुए दूसरी बार कांस्य पदक अपने नाम किया।

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हार के बावजूद सिंधु ने जीता कांस्य पदक

दो बार की ओलम्पिक पदकधारी पीवी सिंधु ने फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में आयोजित बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप के महिला एकल सेमीफाइनल में जापान की शीर्ष वरीय अकाने यामागुची के हाथों 21-13, 19-21, 16-21 के हाथों शिकस्त झेली। इसके बावजूद टूर्नामेंट के नियमों के तहत उन्हें कांस्य पदक से नवाजा जाता है, जो उनका इस प्रतियोगिता में दूसरा पदक है (2014 संस्करण में कांस्य)।

मैच की बात करें तो सिंधु ने तीन गेम तक चले क्वार्टरफाइनल मुकाबले में जीत से मिले आत्मविश्वास को यहां बरकरार रखते हुए तूफानी शुरुआत की। 16 मिनट के अंदर ही उन्होंने यामागुची को हराकर पहला गेम अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में भी सिंधु ने अपना दबदबा बनाए रखा और एक समय 11-6 से आगे थीं। यहां पर उन्हें खराब अंपायरिंग का खामियाजा भुगतना पड़ा जिसमें देरी से सर्व करने पर अंपायर ने एक अंक की पेनाल्टी दी।

सिंधु ने अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने का प्रयास किया लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। इस रुकावट और पेनाल्टी से भारतीय खिलाड़ी का लय बिगड़ गया जिससे वे आगे उबर नहीं पाईं। शीर्ष वरीय जापानी खिलाड़ी ने इसका फायदा उठाते हुए दूसरा गेम जीत लिया। हालांकि, अंतिम क्षणों में सिंधु ने वापसी की कोशिश की ताकि वे सीधे गेम में मैच जीत जाएं लेकिन अकाने ने तेजी दिखाते हुए मुकाबले को आखिरी गेम तक खींच लिया।

तीसरे गेम में यामागुची ने लगातार कुछ अंक अर्जित करते हुए सिंधु को बैकफुट पर ला दिया। यहां से सिंधु को वापसी करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ अंक जीते। हालांकि, यामागुची ने पांच मैच पॉइंट की बढ़त को बिना गंवाए गेम और मैच अपने नाम करते हुए फाइनल में जगह बनाई। इस हार के साथ ही टूर्नामेंट में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई।

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