लक्ष्य सेन की अगुवाई में भारतीय पुरुष टीम इस वक्त मलेशिया में बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में भाग ले रही है। इस टूर्नामेंट के लिए युवा खिलाड़ियों को चुना गया है लेकिन यह प्रयोग पहले ही मैच में पूरी तरह विफल रहा, जब भारत को दक्षिण कोरिया के हाथों 0-5 से शर्मानक हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, टीम ने वापसी करते हुए दूसरे ग्रुप मुकाबले में हांगकांग को 3-2 से मात दी, जिसमें मिथुन मंजूनाथ का बड़ा हाथ था।
मिथुन मंजूनाथ ने आखिरी मैच जीतकर भारतीय टीम को विजयी बनाया
दक्षिण कोरिया के खिलाफ अपना मैच हारने वाले वर्ल्ड नंबर 13 लक्ष्य सेन ने हांगकांग के खिलाफ शुरुआती मैच 21-19, 21-10 से आसानी से अपने नाम करते भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। इतने अच्छे आगाज के बाद लौ चेऊक हिम और ली चुन हेई ने 20-22, 21-15, 21-18 से मंजीत सिंह ख्वैराकपम और डिंगकू सिंह कोंथौजम को मात देकर टाई को 1-1 कर दिया।
उम्मीद थी कि BWF ओडिशा ओपन सुपर 100 के विजेता किरन जॉर्ज अपना मुकाबला जीतकर भारत को फिर बढ़त दिला पाएंगे, लेकिन वे चैन यिन चाक के खिलाफ 13-21, 21-17, 9-21 से पराजित हो गए। इसके बाद हरिहरन अमसाकरुणां और रुबन रेथिनासभापति की युवा जोड़ी ने अपनी जान झोंक दी और 21-17, 21-16 से दूसरा युगल मैच जीतकर टाई को 2-2 से बराबरी पर ला दिया।
अब मिथुन मंजूनाथ के ऊपर सभी भारतीयों की नजरें थीं कि वे आखिरी एकल जीतकर भारत को टूर्नामेंट में बनाए रखें और उन्होंने बिल्कुल वैसा ही किया। मंजूनाथ ने जेसन गुनावां को कड़े मुकाबले में 21-14, 17-21, 21-11 से मात देते हुए टाई को 3-2 से भारत के पाले में रख दिया।
इस महत्वपूर्ण मुकाबले में जीत दर्ज कर टीम इंडिया फिलहाल ग्रुप A में एक जीत व एक हार के साथ तीसरे स्थान पर है। यदि भारत को अगले दौर में जगह बनानी है तो उसे ग्रुप में अपना आखिरी मुकाबला तीन बार की विजेता इंडोनेशिया के खिलाफ शुक्रवार 18 फरवरी को हर हाल में जीतना होगा। साथ ही उसे उम्मीद करनी होगी कि दक्षिण कोरिया अपना अंतिम मैच हांगकांग के खिलाफ हार जाए।