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लक्ष्य सेन ने जर्मन ओपन सुपर 300 में रजत पदक के साथ अपने अभियान का किया अंत

20 वर्षीय भारतीय लक्ष्य सेन ने जर्मन ओपन सुपर 300 के पुरुष एकल में रजत पदक के साथ इस टूर्नामेंट में अपने अभियान का अंत किया।

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Manoj Kumar
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Lakshya Sen. (Photo Source: Twitter)

Lakshya Sen. (Photo Source: Twitter)

अपने बेहतरीन प्रदर्शन से दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों को हराकर तहलका मचाने वाले 20 वर्षीय भारत के लक्ष्य सेन का जर्मन ओपन सुपर 300 में विजयी रथ थम गया। पुरुष एकल के फाइनल में थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्न ने लक्ष्य को 21-18, 21-15 से मात दी और अपना पहला वर्ल्ड टूर खिताब जीता।

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लक्ष्य सेन का जर्मन ओपन में विजयी रथ थम गया

सेमीफाइनल में मौजूदा ओलम्पिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को शानदार तरीके से हराने के बाद उम्मीद थी कि खिताबी मुकाबले में भी सेन का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। मैच की बात करें तो पहले अंक से ही दोनों खिलाड़ी एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे थे, लेकिन वितिदसर्न ने ब्रेक पर 11-6 की अच्छी बढ़त बना ली थी।

हालांकि, सेन ने इसके बाद अच्छी वापसी करते हुए स्कोर को 15-16 कर दिया। पहले गेम के अंत में भारतीय खिलाड़ी को कुछ चिकित्सकीय परामर्श की दरकार हुई जिससे उनकी लय थोड़ी बिगड़ी और वितिदसर्न ने इसका फायदा उठाते हुए शुरुआती गेम 21-18 से अपने नाम कर लिया।

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दूसरे गेम में ऐसा लग रहा था कि सेमीफाइनल में एक्सेलसन के खिलाफ संघर्षपूर्ण मैच की थकान लक्ष्य पर हावी हो रही थी। थाई खिलाड़ी ने इस बार ब्रेक पर 11-5 की अच्छी खासी बढ़त बना ली थी। एकबार फिर सेन ने मैच में वापसी करते हुए 19-15 तक ला दिया लेकिन अंततः उन्हें 21-15 से हार का सामना करना पड़ा।

भले ही लक्ष्य सेन को जर्मन ओपन सुपर 300 के फाइनल में शिकस्त झेलनी पड़ी लेकिन वे इस टूर्नामेंट में अपने अभियान से काफी संतुष्ट होंगे। पहले दौर में वर्ल्ड नंबर-21 वांगचोरेन को मात देने के बाद 20 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड नंबर-5 इंडोनेशिया के एंथोनी गिंटिंग को रौंद डाला। इसके बाद क्वार्टरफाइनल में उन्होंने हमवतन एचएस प्रणॉय को हराया जो पहले टॉप-10 में रह चुके हैं। वहीं, अंतिम-4 में तो लक्ष्य ने सबसे बड़ा उलटफेर करते हुए टॉप रैंक और मौजूदा ओलम्पिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को पराजित किया था।

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