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लक्ष्य सेन ने गत चैंपियन ली जी जिया को हराकर ऑल इंग्लैंड के फाइनल में बनाई जगह, गायत्री-त्रीसा का स्वर्णिम सफर थमा

20 वर्षीय लक्ष्य सेन ने गत विजेता को पराजित कर ऑल इंग्लैंड ओपन के फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन गायत्री-त्रीसा का सफर सेमीफाइनल में रुक गया।

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Manoj Kumar
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Lakshya Sen after winning All England Open semifinal. (Photo Source: Twitter)

Lakshya Sen after winning All England Open semifinal. (Photo Source: Twitter)

1980 में भारतीय बैडमिंटन का एक नया अध्याय शुरू हुआ था जब प्रकाश पादुकोण ने प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड ओपन का पुरुष एकल खिताब जीता था। इसके ठीक 21 साल बाद 2001 में पुलेला गोपीचंद ने भी चैंपियन बन कर एक नए युग की शुरुआत की थी। अब 2022 में 20 वर्षीय लक्ष्य सेन ऑल इंग्लैंड ओपन के फाइनल में पहुंचकर 21 साल के उस सूखे को खत्म कर एक नया अध्याय शुरू करने से बस एक कदम दूर हैं।

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लक्ष्य सेन ने गत चैंपियन का उलटफेर किया

भारत की नई बैडमिंटन सनसनी लक्ष्य सेन ने सेमीफाइनल में गत विजेता मलेशिया के ली जी जिया को एक घंटे 16 मिनट तक चले मैच में 21-13, 12-21, 21-19 से पराजित कर फाइनल में शान से प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में सेन का सामना वर्ल्ड नंबर-1 डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से होगा, जिन्हें भारतीय खिलाड़ी ने पिछले सप्ताह जर्मन ओपन के सेमीफाइनल में हराया था।

मैच का आगाज काफी शानदार अंदाज में हुआ जहां दोनों खिलाड़ी लम्बी रैलियां खेल रहे थे और एक-दूसरे को बढ़त बनाने के कोई मौका नहीं दे रहे थे। हालांकि, लक्ष्य ने जल्द ही अपनी लय पाते हुए ब्रेक पर बढ़त बनाई और उसे बरकरार रखते हुए पहला गेम 21-13 से जीत लिया। दूसरे गेम में गत चैंपियन ली ने आक्रामक शॉट्स की झड़ी लगा दी जिसका कुछ देर सेन ने जवाब दिया पर अंत में वह 12-21 से हार गए।

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आखिरी गेम शुरू होने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मलेशियाई खिलाड़ी को मिले आत्मविश्वास से वह युवा लक्ष्य को आसानी से हरा देगा। जी जिया ने आक्रमण बरकरार रखा जिससे लक्ष्य सेन बस पीछा ही कर रहे थे। बहरहाल, ब्रेक के बाद तो लक्ष्य 10-14 और 12-16 से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने अपने जज्बे और दृण संकल्प का नजारा पेश करते हुए स्कोर को 20-18 कर दिया। इसके बाद सेन ने अपने विपक्षी को वापसी का कोई मौका नहीं देते हुए गेम और मैच जीतकर पूरे हिंदुस्तान में खुशी की लहर दौड़ा दी।

ये रहा लक्ष्य सेन का वो विजयी पल

गायत्री-त्रीसा का स्वर्णिम सफर थमा

दूसरी तरफ, गायत्री गोपीचंद और त्रीसा जॉली की युवा भारतीय युगल जोड़ी का ऑल इंग्लैंड ओपन में चल रहा स्वर्णिम सफर सेमीफाइनल में थम गया। उन्हें चीन की शु जियान झांग और यु झेंग की जोड़ी के हाथों 51 मिनट में 17-21, 16-21 से हार का सामना करना पड़ा। भले ही गायत्री और त्रीसा फाइनल में ना पहुंच पाई हों, लेकिन रिजर्व से आकर टूर्नामेंट के शीर्ष खिलाड़ियों को टक्कर देते हुए यहां तक आना बहुत बड़ी उपलब्धि है।

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