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विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय मेन्स डबल्स जोड़ी को शुक्रवार को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने फिर भी इतिहास रच दिया। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत को मेन्स डबल्स में पहली बार पदक दिलाया।
भारतीय जोड़ी को मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक छठी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने हराया। इस तरह भारतीय जोड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया।
पहले गेम में जीत का फायदा नहीं उठा सकी भारतीय जोड़ी
भारतीय शटलर्स ने शानदार तरीके से आगाज किया और पहले गेम में मलेशियाई जोड़ी को आगे निकलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने पहला गेम 22-20 से अपने नाम किया, लेकिन दुनिया की सातवें नंबर की भारतीय जोड़ी पहले गेम में जीत का फायदा नहीं उठा सकी।
दूसरे गेम में मलेशियाई खिलाड़ियों ने शुरू से ही भारतीय जोड़ी पर दबाव बनाया और 18-21 से अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने तीसरे और अंतिम गेम में भारतीय शटलर्स को 16-21 से पटखनी दी। सात्विक-चिराग की यह मलेशियाई जोड़ी के हाथों मिली लगातार छठी हार है। इस महीने की शुरुआत में कॉमनवेल्थ गेम्स के मिश्रित टीम फाइनल में भी उन्हें इसी जोड़ी से मात खानी पड़ी थी।
हालांकि, इस हार के बावजूद भी सात्विक-चिराग की जोड़ी विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए एक पदक जीतने में कामयाब रही। यह भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में डबल्स में दूसरा पदक है। इससे पहले ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में महिला डबल्स में कांस्य पदक जीता था।
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