1980 में जब दिग्गज प्रकाश पादुकोण ने प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप में पुरुष एकल का खिताब जीता था, तो यह माना गया था कि भारतीय बैडमिंटन का नया अध्याय शुरू हो रहा है। उसके बाद 2001 में पुलेला गोपीचंद ऑल इंग्लैंड चैंपियन बने और अब 2022 में लक्ष्य सेन ने इसमें रजत पदक जीता। हालांकि, टीम स्पर्धा की बात करें तो भारतीय टीम थॉमस कप में हमेशा फिसड्डी साबित साबित हुई है।
1979 में आखिरी बार अंतिम-4 में जगह बनाने के बाद टीम इंडिया को हर बार थॉमस कप में मायूसी हाथ लगी। हालांकि, युवा और अनुभव के सटीक मिश्रण वाली भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने थॉमस कप 2022 में पांच बार की विजेता मलेशिया को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाकर पहला पदक सुनिश्चित किया। वहीं, भारत के जांबाज खिलाड़ियों ने एकबार फिर इतिहास रचते हुए डेनमार्क को पराजित कर पहली दफा फाइनल में प्रवेश किया।
एचएस प्रणॉय फिर बने राष्ट्रीय हीरो
जैसा कि मलेशिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में हुआ था, लक्ष्य सेन को वर्ल्ड नंबर-1 विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ 13-21, 13-21 से शिकस्त मिली जिससे डेनमार्क 1-0 से आगे हो गया। इसके बाद सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने बेहतरीन खेल का नजारा पेश करते हुए जुझारू प्रदर्शन किया और किम आस्ट्रूप और मथियास क्रिस्टन्सन को 21-18, 21-23, 22-20 से मात देकर टीम इंडिया को बराबरी करवाई।
1-1 के स्कोर पर पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 किदाम्बी श्रीकांत ने तीसरे नंबर के एंडर्स एंटोनसेन के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और पहला गेम 21-18 से अपने नाम कर लिया। परन्तु दूसरे गेम में कोर्ट के "खराब" हिस्से से खेलना का उन्हें खामियाजा उठाना पड़ा और वे 12-21 से हार गए। हालांकि, तीसरे गेम में दर्शकों और भारतीय प्रशंसकों को पुराना श्रीकांत दिखा जब उन्होंने अलग ही आक्रामक रुख अपनाते हुए एंटोनसेन को 21-15 से पराजित कर भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई।
इस मोड़ पर सभी की धड़कन तेज हो गई थी क्योंकि प्रशंसकों के साथ-साथ वहां मौजूद खिलाड़ियों को भी वो दिख रहा था जो शायद भारतीय पुरुष बैडमिंटन में एक नया अध्याय ले आए। भले ही कृष्णा प्रसाद और विष्णु वर्धन की जोड़ी दूसरा युगल मैच हार गई लेकिन सबकी निगाहें पहले से ही मलेशिया के खिलाफ क्वार्टरफाइनल के स्टार और अनुभवी एचएस प्रणॉय पर टिक गईं जिन्हें निर्णायक मुकाबला खेलना था।
हालांकि, भारतीय खेमे को पहले गेम में निराशा हाथ लगी जब डेनमार्क के रैसमस गेमके ने प्रणॉय को 21-13 से हरा दिया। दूसरे गेम में प्रणॉय को मेडिकल टाइम आउट लेना पड़ा जब वह कोर्ट पर शार्ट रिटर्न करते समय फिसल गए। वह थोड़े परेशान नजर आ रहे थे लेकिन उसको नजरअंदाज करते हुए प्रणॉय ने दूसरा गेम 21-9 से जीतने के बाद तीसरा गेम 21-12 से अपने नाम कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया।
ऐतिहासिक फाइनल में जगह बनाने पर भारतीय बैडमिंटन टीम ने ऐसे जश्न मनाया:
How good is this? India 🇮🇳 has made it to their first ever Thomas Cup 🏆 final. @BAI_Media#ThomasUberCups #Bangkok2022 pic.twitter.com/wPM1rra7W4
— BWF (@bwfmedia) May 13, 2022
𝘾𝙚𝙡𝙚𝙗𝙧𝙖𝙩𝙞𝙤𝙣 𝙩𝙤 𝙗𝙖𝙣𝙩𝙖 𝙝𝙖𝙞 🥳🕺
— BAI Media (@BAI_Media) May 13, 2022
Video courtesy: BWF#TUC022 #ThomasCup2022#Bangkok2022 #IndiaontheRise#Badminton pic.twitter.com/DG5drIksBL