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भारत ने इतिहास रचते हुए बनाई थॉमस कप के सेमीफाइनल में जगह, टूर्नामेंट में अपना पहला पदक किया पक्का

भारतीय पुरुष टीम ने इतिहास रचते हुए थॉमस कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई और टूर्नामेंट में अपना पहला पदक सुनिश्चित किया।

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Manoj Kumar
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Kidambi Srikanth, Satwik Sairaj Rainkireddy, Chirag Shetty, HS Prannoy. (Photo Source: Badminton Photo)

Kidambi Srikanth, Satwik Sairaj Rainkireddy, Chirag Shetty, HS Prannoy. (Photo Source: Badminton Photo)

बैडमिंटन के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में से एक थॉमस कप कई दशकों से प्रशंसकों के पसंदीदा प्रतियोगिताओं में गिना जाता है। 1949 से शुरू हुए इस टूर्नामेंट के 30 से अधिक संस्करण हो चुके हैं लेकिन भारत को अब तक एक पदक नसीब नहीं हुआ। हालांकि, भारतीय पुरुष टीम ने थॉमस कप 2022 में इतिहास रचते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई और टूर्नामेंट में अपना पहला पदक सुनिश्चित किया।

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टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सभी को उम्मीद थी कि इस बार भारत के पुरुष खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहेंगे। ग्रुप स्टेज में उन्होंने वैसा ही किया और पहले दोनों मैचों में क्लीन स्वीप कर नॉकआउट दौर के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, टीम इंडिया को आखिरी ग्रुप मैच में चीनी ताइपे के खिलाफ हार मिली लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने जुझारू प्रदर्शन आगे के लिए उम्मीद जगाई।

खराब शुरुआत के बाद भारत ने की ऐतिहासिक वापसी

क्वार्टरफाइनल में भारत का सामना पांच बार की विजेता मलेशिया से था, जिससे साफतौर पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद थी। पहले एकल में युवा लक्ष्य सेन से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वे इस पर खरा नहीं उतर पाए और उन्हें ली जी जिया के हाथों 21-23 9-21 से एकतरफा शिकस्त मिली। शुरुआती मुकाबले में मिली करारी हार से भारतीय खेमे में तनावपूर्ण माहौल हो गया था कि कहीं इस बार भी खाली हाथ वापस न लौटना पड़े।

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इन सब चिंताओं को दूर करते हुए स्टार युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड नंबर 13 गोह जे फेई और नूर इजुद्दीन को 21-19 21-15 से मात देते हुए भारत की टाई में वापसी कराई। भारतीय जोड़ी ने आक्रामक बैडमिंटन खेलते हुए विपक्षी को कोई मौका नहीं दिया।

1-1 की बराबरी होने पर कोर्ट पर भारत के सबसे अनुभवी और पूर्व विश्व नंबर 1 किदाम्बी श्रीकांत ने विविधतापूर्ण और आक्रामक बैडमिंटन खेला और एनजी जे योंग को 21-11 21-17 से धूल चटाते हुए टीम इंडिया को 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई। हालांकि, दूसरे युगल में कृष्णा प्रसाद और विष्णु वर्धन ने प्रभावशाली खेल दिखाया लेकिन वे आरोन चिया और तेओ ई यी की जोड़ी के हाथों 19-21 17-21 से संघर्षपूर्ण मुकाबला हार गए।

अब भारत की सारी उम्मीदें एचएस प्रणॉय पर टिकी थीं और उन्होंने बिल्कुल निराश नहीं करते हुए 21-13 21-8 से जुन हाओ लियोंग को पराजित कर पूरे हिंदुस्तान में ख़ुशी और भावुकता की लहर ला दी। जैसे ही उन्होंने मैच पॉइंट पर स्मैश जड़ा, पूरी टीम इंडिया कोर्ट पर कूदते-दौड़ते हुए आई और जश्न मनाने लगी। इस प्रकार भारत ने मलेशिया को 3-2 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जहां उसका सामना 2016 की चैंपियन डेनमार्क से होगा।

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