कॉमनवेल्थ गेम्स का नया संस्करण 28 जुलाई से शुरू होने वाला है। इसमें 200 से अधिक एथलीटों का भारतीय दल हिस्सा ले रहा है और वे सभी देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने की उम्मीद कर रहे होंगे। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ का समापन 8 अगस्त को होगा।
इस मल्टी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट में भारत ने नियमित रूप से हिस्सा लिया है। हालांकि, भारत चार संस्करण (1930, 1950, 1962 और 1986) में हिस्सा नहीं ले सका था। इसके बावजूद 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
495 एथलीटों के भारतीय दल ने कुल 101 पदक हासिल करते हुए पदक तालिका में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसमें 39 स्वर्ण पदक, 26 रजत और 36 कांस्य शामिल हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया 177 पदकों के साथ पहले स्थान पर रहा, जिसने 74 स्वर्ण पदक हासिल किए थे।
पहली दफा भारत ने 100 से अधिक पदक हासिल किए
भारत के इस सफलता में देश के एथलीटों ने खूब पसीना बहाया। यह पहली दफा था कि भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 100 से अधिक पदक हासिल किए थे। आशीष कुमार कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले पहले भारतीय जिमनास्ट बने और रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवाया। उन्होंने अपने पदक टैली में रजत पदक जोड़ने से पहले कांस्य पदक जीता।
भारत ने पांच दशक के बाद ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता। कार्डिफ में 1958 के राष्ट्रमंडल खेलों में मिल्खा सिंह के स्वर्ण पदक के बाद कृष्णा पूनिया ने 2010 संस्करण में महिला की डिस्कस थ्रो स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया।
निशानेबाजी में कुल 38 पदक जीते
कुश्ती में भी भारत ने इतिहास रचा और गीता फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। इसके अलावा भारतीय निशानेबाजों ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया। पोस्टर बॉय और 2008 में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने भारतीय निशानेबाजी दल का नेतृत्व किया। निशानेबाजी दल ने 14 स्वर्ण सहित कुल 38 पदक जीते।
पहलवानों ने बाकी एथलीटों का अनुसरण किया और 2010 के सीडब्ल्यूजी संस्करण में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 10 स्वर्ण पदक जीते।