इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आगाज बर्मिंघम में 28 जुलाई से होगा और 8 अगस्त तक चलेगा। 1930 में शुरू हुआ मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट हर 4 साल में आयोजित होता है और भारत ने 1934 में दूसरे संस्करण से इस टूर्नामेंट में भाग लिया। भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अपनी शुरुआत के बाद से 503 पदक (181 स्वर्ण, 173 रजत, और 149 कांस्य) जीते हैं। इसमें से 231 पदक पिछले तीन टूर्नामेंट में आए हैं।
लंदन 1934 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से 6 एथलीट शामिल थे, जिन्होंने 10 ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं और एक कुश्ती स्पर्धा में हिस्सा लिया। भारत ने अपने पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में एक पदक जीता और ये पदक पुरुषों की 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक के रूप में रेसलर राशिद अनवर ने जीता था।
राशिद अनवर का जन्म 12 अप्रैल 1910 को हुआ था। उन्होंने शुरुआत में भारतीय रेलवे में लखनऊ में एक अधिकारी के रूप में काम किया था। उनके रेसलिंग रिकॉर्ड का सत्यापित डाटा नहीं है, लेकिन दावा किया जाता है कि वह वेल्टरवेट वर्ग में 8 से अधिक बार राष्ट्रीय चैंपियन थे।
उन्होंने 1936 बर्लिन ओलंपिक में भाग लिया, जहां उन्हें दूसरे राउंड में हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद राशिद अनवर ने विभिन्न टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया। उन्होंने उस वक्त के चैंपियन रेसलर बिली रिलो को हराया।
महान स्प्रिंटर मिल्खा सिंह 1958 में कार्डिफ में पुरुषों की 440 यार्ड स्पर्धा में पहला स्थान हासिल करते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। वहीं पिस्टल शूटर जसपाल राणा कॉमनवेल्थ गेम्स में सबसे सफल भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने कुल 15 पदक (9 स्वर्ण, 4 रजत, 2 कांस्य) जीते हैं। उन्होंने 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में शूटिंग में अपना दबदबा बनाया था।
भारत के लिए सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स
भारत के लिए सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 नई दिल्ली का था, जिसमें भारत ने 101 पदक जीते और पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा। अभी तक 2010 नई दिल्ली गेम्स भारत का सबसे सफल कॉमनवेल्थ गेम्स बना हुआ है।