इंडियन टी-20 लीग के 2022 संस्करण में कोलकाता का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। फ्रेंचाइजी को इस सीजन श्रेयस अय्यर के रूप में नया कप्तान मिला। श्रेयस अय्यर के नेतृत्व में कोलकाता ने टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन जीत की लय बरकरार नहीं रख पाई।
पिछले सीजन की उपविजेता टीम प्लेऑफ में जगह बनाने में नाकाम रही और वह 14 मैचों में से केवल 6 मैच जीत सकी। इस सीजन कोलकाता ने क्या गलतियां की? इस आर्टिकल में हम ऐसे ही तीन कारणों के बारे में बात करेंगे, जिसकी वजह से कोलकाता ट्रॉफी नहीं जीत पाई।
1. बहुत अधिक बदलाव
कोलकाता के लिए 12 मैचों में 20 खिलाड़ियों ने कम से कम 1-1 मैच खेला था। 12 मैचों में एक भी मैच ऐसा नहीं था, जब कोलकाता की टीम बिना प्लेइंग इलेवन में बदलाव के उतरी हो। शुरुआती जीत के बावजूद उनके द्वारा किए गए बदलाव के कारण टीम स्थिर नहीं दिखी। पिछले संस्करणों पर नजर डाले तो उन टीमों ने खिताब नहीं जीता है, जिन्होंने अपने प्लेइंग इलेवन में बहुत बदलाव किए हो और इसलिए कोलकाता को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ी है।
2. टॉप ऑर्डर का निरंतर प्रदर्शन न करना
इंडियन टी-20 लीग 2022 की शुरुआत से पहले कोलकाता को एक बड़ा झटका लगा, क्योंकि एलेक्स हेल्स ने 15वें संस्करण से बाहर होने का फैसला कर लिया था। रिप्लेसमेंट के रूप में एरोन फिंच को शामिल किया गया, लेकिन उनके बल्ले से रन नहीं निकले। अजिंक्य रहाणे भी बहुत खास प्रदर्शन नहीं कर सके। पिछले सीजन टीम की नैया पार लगाने वाले वेंकटेश अय्यर ने इस सीजन में बल्ले से खराब प्रदर्शन किया। श्रेयस अय्यर कोलकाता के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, लेकिन टॉप ऑर्डर ने निराश किया।
3. आंद्रे रसेल और सुनील नरायन पर अधिक निर्भर होना
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोलकाता की टीम अधिकतर आंद्रे रसेल और सुनील नरायन पर निर्भर थी। निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए आंद्रे रसेल ने 174.47 की स्ट्राइक रेट से 335 रन बनाए। वहीं सुनील नारायण भी गेंद से प्रभावशाली थे, भले ही उन्हें ज्यादा विकेट न मिले हो। हालांकि, अन्य खिलाड़ियों को भी योगदान देने की जरूरत थी, जो लगातार नहीं दे सके।