इंडियन टी-20 लीग 2023 को शुरू होने में बस 2 दिन बचे हैं लेकिन मुंबई फ्रेंचाईजी के लिए इस सीजन में काफी मुसीबतें सामने हैं। दरअसल, आगामी सीजन के लिए आयोजित मिनी ऑक्शन से पहले टीम के सीनियर और धुरंधर बल्लेबाजी कायरन पोलार्ड ने रिटायरमेंट ले लिया था।
इंडियन टी-20 लीग के इतिहास में दो सबसे सफल फ्रेंचाइजी, मुंबई और चेन्नई ने ITL 2022 में भाग्य का पूर्ण उलटफेर देखा था। दोनों टीमों ने चौदह लीग मैचों में से सिर्फ चार जीत हासिल करके अंक तालिका में सबसे नीचे स्थान हासिल किया।
जैसा कि इस सीज़न में सभी टीमों ने नीलामी के लिए कमर कस ली थी, सभी को उम्मीद थी कि मुंबई हमेशा की तरह एक शानदार नीलामी रणनीति के साथ उतरेगी। लेकिन उनकी रणनीति ने कई लोगों को चौंका दिया क्योंकि वे ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन के लिए ही गए। मुंबई ने अपने 20.55 करोड़ के पर्स में ग्रीन पर 17.50 करोड़ लूटा कर उन्हें अपने पाले में लिया।
लेकिन क्या आपको पता है कि यह सीजन मुंबई के लिए फिर से एक और खराब सीजन हो सकता है।
आइए देखें वह 3 कारण
# मुंबई के J's जोड़ी का नहीं रहना
इंजरी की वजह से ऑस्ट्रेलिया के झाय रिचर्डसन भारत के खिलाफ हाल ही में खेले गए व्हाइट बॉल सीरीज से बाहर हो गए थे। खबर है कि उनका आगामी इंडियन टी-20 लीग 2023 में खेलना संभव नहीं है। मुंबई ने झाय रिचर्डसन को उनके बेस प्राइस 1.5 करोड़ में खरीदा था।
टीम में पहले से ही जसप्रीत बुमराह नहीं हैं। बुमराह लंबे समय से चोटिल होने के बाद टूर्नामेंट में वापसी करने वाले थे। हालांकि, खबर है कि वह चोट से पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए हैं और उन्हें 5 महीने और लग सकते हैं। यह मुंबई की गेंदबाजी को बेहद ही कमजोर कर देगी।
# मुंबई की मिडल ऑर्डर बल्लेबाजी
मुंबई की टीम को पहले इतना सफल बनाने वाला उनका ट्रिपल-पी, ऑल-राउंडर इंजन मध्य क्रम में पांड्या बंधुओं और कायरन पोलार्ड के साथ था। लेकिन मेगा नीलामी के बाद से पांड्या बंधु अपनी अलग फ्रेंचाइजी में चले गए हैं। पोलार्ड भी अब ITL में एक खिलाड़ी के रूप में नहीं दिखेंगे क्योंकि उन्होंने लीग से संन्यास की घोषणा की थी।
अब हरफनमौला विकल्पों की कमी के कारण टीम का मध्य क्रम कमजोर ही रहेगा। कैमरून ग्रीन एक अकेले खिलाड़ी होंगे जो इस कमी को पूरा कर सकते हैं लेकिन अकेले वह ऐसा करने में नाकाम होंगे क्योंकि यह उनका पहला सीजन है तो दबाव काफी रहने वाला है। बिग-हिटिंग, ऑल-राउंड विकल्पों की कमी मुंबई को इस सीजन में परेशान कर सकती है।
# स्पिन गेंदबाजी नहीं होना
यदि गति विभाग में देखा जाए तो मुंबई के स्पिन आक्रमण में और भी अधिक कमी है। टीम में एकमात्र ज्ञात कलाकार लेग स्पिनर पीयूष चावला हैं, जो हाल के वर्षों में अपने खेल के शीर्ष पर नहीं रहे हैं। मौजूदा टीम में अन्य विकल्प ऋतिक शौकीन और कुमार कार्तिकेय जैसे अनुभवहीन भारतीय गेंदबाजों तक सीमित हैं। टीम की विकेट लेने की क्षमता संदिग्ध बनी हुई है क्योंकि बीच के ओवरों में विकेट लेने के लिए उनके पूर्व सदस्य राहुल चाहर जैसे खिलाड़ी की कमी है।