इंडियन टी-20 लीग दुनिया के सबसे लोकप्रिय टी-20 लीगों में से एक है और कई लोग इससे भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं। यहां तक कि कई खिलाड़ी अपनी फ्रेंचाइजी से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं। हालांकि ऐसे भी कई मौके आए हैं, जब एक खिलाड़ी और फ्रेंचाइजी के बीच कड़वाहट पैदा हुई है और इस कारण से खिलाड़ी को फ्रेंचाइजी का साथ छोड़ना पड़ा। आज ऐसे ही पांच खिलाड़ियों की बात करते हैं, जिन्होंने विवादास्पद परिस्थियों में अपनी फ्रेंचाइजी टीम का साथ छोड़ दिया।
1. डेविड वॉर्नर-
डेविड वॉर्नर लंबे समय तक हैदराबाद से जुड़े हुए थे। वह टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक थे। हालांकि इंडियन टी-20 लीग के 14वें संस्करण के दौरान वॉर्नर के खराब फॉर्म के कारण पहले उनसे टीम की कप्तानी छिन ली गई। इसके बाद उन्होंने प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया है। वह कई मौकों पर बेंच पर बैठे दिखाई दिए और अंत में उन्होंने फ्रेंचाइजी हैदराबाद का साथ छोड़ दिया।
2. एमएस धोनी-
महेंद्र सिंह धोनी शुरू से ही चेन्नई के साथ जुड़े हुए हैं। हालांकि 2016 और 2017 के दौरान चेन्नई पर प्रतिबंध लगने के बाद पुणे का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन 2017 संस्करण के दौरान चीजें उनके हाथ से निकल गई, क्योंकि उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया और स्टीव स्मिथ ने कप्तान के रूप में धोनी की जगह ली। फ्रेंचाइजी मालिक हर्ष गोयनका ने धोनी की अनदेखी करते हुए स्मिथ की प्रशंसा की।
3. सौरव गांगुली-
सौरव गांगुली भारत के सबसे प्रसिद्ध क्रिकेटरों में से एक हैं। हालांकि इंडियन टी-20 लीग में कोलकाता के लिए उनका समय यादगार नहीं था। उन्होंने लंबे समय तक कोलकाता की कप्तानी की, लेकिन कोई टू्र्नामेंट नहीं जीता सके। गांगुली के औसत सीजन के बाद उन्हें 2011 के नीलामी से पहले टीम से बाहर कर दिया गया था।
4. गौतम गंभीर
गंभीर ने कोलकाता के लिए सात सीजन खेले और दो सीजन में कोलकाता ने उनके नेतृत्व में खिताब जीता। फिर भी 2018 में वह दिल्ली की टीम में शामिल हो गए। हालांकि, दिल्ली के लिए 2018 का सीजन गौतम गंभीर के लिए काफी खराब रहा था और कप्तानी व बल्लेबाजी दोनों मामलों में फेल हुए थे। वह 6 मैचों में सिर्फ 85 रन बना सके थे। इसके बाद गंभीर ने दिल्ली की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। वह टीम के लिए उपलब्ध थे, लेकिन फिर भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में कभी नहीं चुना गया।
5. युवराज सिंह
युवराज सिंह ने इंडियन टी-20 लीग के पहले तीन संस्करण पंजाब के लिए खेले और बाद में 2018 में उन्होंने प्रतिनिधित्व किया। हालांकि वह फ्रेंचाइजी से खुश नहीं थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि उन्हें कभी भी अपनी पसंद का खिलाड़ी चुनने की आजादी नहीं दी गई। 2009 के संस्करण में कुमार संगकारा ने पंजाब के कप्तान के रूप में युवराज की जगह ली। युवराज सिंह पंजाब के अलावा, पुणे, बैंगलोर, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई के लिए खेल चुके हैं।