इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम की घोषणा शनिवार को हो गई। जिसमें आकर्षण का केंद्र रहे बंगाल के तेज गेंदबाज आकाश दीप। चयनकर्ताओं ने उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया है। टीम इंडिया में चुने जाने के बाद आकाश दीप की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
बता दें कि 27 वर्षीय खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने का ईनाम मिला है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 29 फर्स्ट क्लास मैचों में 23.18 की औसत से 100 से अधिक विकेट लिए हैं। हालांकि, पिछले महीने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दो अनौपचारिक टेस्ट मैचों में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया, इससे वह भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। उन्होंने लांयस के खिलाफ कुल 11 विकेट हासिल किए थे।
भारतीय टेस्ट टीम में पहली बार चुने जाने के बाद, आकाश दीप ने बताया कि कैसे छह महीने के भीतर अपने परिवार के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को खोने के बाद उनकी लाइफ बदल गई। बता दें कि बिहार के रहने वाले दीप का परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ा था। इसलिए उनकी राह आसान नहीं थी और पिता व भाई को जल्दी खो देने के बाद यह और मुश्किल हो गया।
पिता और भाई की छह महीने के भीतर ही मौत हो गई- आकाश दीप
क्रिकबज के मुताबिक दीप ने पीटीआई से कहा, मेरे पिता और मेरे भाई की छह महीने के भीतर ही मृत्यु हो गई। मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था। और यही था कि मुझे परिवार की देखभाल करनी थी। मैं अपने क्लब के लिए प्रॉपर लेदर-बॉल मैच खेला, लेकिन शुरू में पैसे नहीं थे। इसलिए महीने में तीन से चार दिन, मैं जिले भर में टेनिस-बॉल से मैच खेलता था और प्रतिदिन 6,000 रुपये कमाता था। इसलिए मैं प्रति माह 20,000 कमा लेता था, जिससे मुझे अपना खर्च चलाने में मदद मिलती थी।
उन्होंने आगे कहा, "बिहार में (उस समय भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा निलंबित), कोई मंच नहीं था और विशेष रूप से जहां से मैं आया था, सासाराम में, क्रिकेट खेलना एक अपराध था। बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को आकाश के साथ रहने से मना करते थे, क्योंकि वह केवल क्रिकेट खेलता है और इससे उनकी पढ़ाई बर्बाद हो जाएगी। लेकिन मैं उन्हें दोष नहीं देता।