आईपीएल के 16वें सीजन में खिताब जीतने वाली चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा रहे अंबाती रायडू ने सीजन के समाप्त होते ही क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। इससे पहले वह इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए मध्यक्रम में कई मौकों पर शानदार बल्लेबाजी करते टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
इस बीच अंबाती रायडू ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका कहना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के एक पूर्व अधिकारी ने उनके करियर को खत्म करने की कोशिश की। उस अधिकारी की वजस से ही राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम इंडिया के डेब्यू करने में देरी भी हुई।
दरअसल, पूर्व भरतीय क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सुप्रीमो शिवलाल यादव के बेटे अर्जुन आंध्र प्रदेश टीम का हिस्सा थे, जब रायडू पूरी तरह टूट चुके थे। रायडू ने कहा कि वह अर्जुन से बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे और यह अर्जुन के भारत के लिए खेलने के सपने में बाधा साबित हो रहा था, जिसके कारण उनके करियर को खत्म करने का प्रयास किया गया था।
2003-04 में इंडिया ए के लिए अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मौका नहीं मिला- अंबाती रायडू
रायडू ने यह भी खुलासा किया कि उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा, मेरे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़ने के साथ राजनीति शुरू हो गई थी। शिवलाल यादव के बेटे अर्जुन यादव को टीम इंडिया के लिए खेलने के इरादे से परेशान किया गया। जैसा कि मैं अर्जुन यादव से बेहतर खेल रहा था, उन्होंने मुझे हटाने की कोशिश की।
रायडू ने एक टीवी चैनलस से बातचीत में कहा, मैंने 2003-04 में इंडिया ए के लिए अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन 2004 में चयन समिति बदल गई और मुझे मौका नहीं मिला। उस चयन समिति में शिवलाल यादव के करीबी दोस्त शामिल हो गए थे। यह पूछने पर भी मनाही थी कि मुझे क्यों नहीं चुना गया। उन्होंने चार साल तक किसी को मुझसे बात करने से रोका।
अपनी बात जारी रखते हुए रायडू ने कहा, मैच के एक दिन पहले शिवलाल यादव का छोटा भाई नशे में आता था और घर के सामने गालियां देता था।