एशिया कप के आगामी संस्करण की शुरुआत 27 अगस्त से होने वाली है और भारत अपने अभियान की शुरुआत 28 अगस्त को पाकिस्तान के खिलाफ करेगा। इस बीच भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर जितना अतिरिक्त दबाव खिलाड़ी झेलते हैं, वो मीडिया, दोस्त और परिवार द्वारा बनते हैं।
चहल ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले मुकाबले को याद किया, जो 2018 एशिया कप में हुआ था। चहल ने यह स्वीकार किया कि दोनों टीमों के बीच प्रतिद्वंदिता के कारण वह नर्वस थे। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ अगले मैच में उन्होंने सामान्य मैच की तरह ही व्यवहार करना शुरू कर दिया।
चहल ने खिलाड़ियों के ऊपर होने वाले दबाव के बारे में बताया
स्पोर्ट्स यारी से बात करते हुए युजवेंद्र चहल ने भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान खिलाड़ियों के ऊपर होने वाले दबाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि, 'जब मैंने 2018 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मैच खेला, तो घबरा गया था। लेकिन फिर जब मैंने उनके खिलाफ अपना दूसरा मैच खेला, तो यह मेरे लिए किसी भी अन्य मैच की तरह था। तब मुझे एहसास हुआ कि ये दबाव दोस्तों, परिवार और मीडिया द्वारा बनाया गया है।'
चहल ने आगे कहा कि, 'हां हम पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ हार गए थे, लेकिन यह टीम पिछले चार-पांच महीनों से इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और जिम्बाब्वे के खिलाफ अच्छा क्रिकेट खेल रही है। इसलिए टीम लय में है। चहल जानते हैं कि पाकिस्तान के पास स्पिन गेंदबाजों को खेलने के लिए बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान जैसे बल्लेबाज हैं।
ऐसे खिलाड़ियों के खिलाफ योजना बनानी होगी
इन खिलाड़ियों के खिलाफ योजना बनाने के महत्व पर बात करते हुए चहल ने कहा कि, 'उनके पास निश्चित रूप से बाबर और रिजवान जैसे कुछ बड़े खिलाड़ी हैं जो अच्छी गेंदों पर भी सिंगल लेकर स्कोरबोर्ड को चलाने की कला जानते हैं। खुशदिल शाह भी हैं, जो निचले क्रम में आते हैं और और मैंने उन्हें अपनी तरफ से मैच जीताते देखा है। इसलिए ये ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके खिलाफ आपको योजना बनानी होगी अन्यथा ये मैच को बदल सकते हैं।'