इंटरनेशनल टी-20 कप में भारतीय टीम का अभियान समाप्त होने के बाद अब वह 17 नवंबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज खेलने के लिए तैयार है। दौरे की शुरुआत तीन टी-20 मैचों के साथ होगी, जिसके बाद तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जायेगी। टीम के बैक-टू-बैक मैचों को देखते हुए बीसीसीआई ने टीम को बायो बबल से छोटा ब्रेक देने का फैसला किया है।
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को ब्रेक देने का फैसला किया
लंबे समय से इस बात की चर्चा होती रही कि बायो-बबल थकान खिलाड़ियों और उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है, क्योंकि वे पिछले छह महीनों से लगातार खेल रहे हैं। इंटरनेशनल टी-20 कप में जब भारत ने अपने पहले दो टी-20 मैच गंवाए, तब भी इसका कारण बायो-बबल थकान को बताया गया था। इसलिए बीसीसीआई खिलाड़ियों को न्यूजीलैंड दौरे के लिए क्वारंटाइन करने से पहले दो दिन का ब्रेक देगा।
वे खिलाड़ी जो यूएई में इंटरनेशनल टी-20 कप के लिये मौजूद थे और जो सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट से आयेंगे, उन्हें अपने परिवार के साथ जाने और रहने की अनुमति दी गई है। इसलिए खिलाड़ियों के पास वर्तमान बायो-बबल से बाहर निकलने के आधार पर दो-तीन दिनों का ब्रेक होगा।
आगामी दक्षिण अफ्रीका सीरीज को ध्यान में रखकर उठाया कदम
आगामी दक्षिण अफ्रीका सीरीज पर विचार करते हुए बीसीसीआई ने यह कदम उठाया, जहां खिलाड़ी फिर से बिना ब्रेक के खेलने के लिए तैयार होंगे। हाल ही में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम के हारने के बाद तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने बायो बबल में लंबे समय तक रहने के कारण होने वाली थकान पर बात की थी।
जसप्रीत बुमराह ने कहा था कि बिल्कुल, कभी-कभी आपको एक ब्रेक की आवश्यकता होती है। आपको अपने परिवार की याद आती है। आप छह महीने से घर से दूर हैं। जाहिर तौर पर बायो बबल में रहना और अपने परिवार से इतने लंबे समय तक दूर रहना एक भूमिका निभाता है। बीसीसीआई ने भी हमें सहज महसूस कराने की पूरी कोशिश की। यह कठिन समय है। महामारी चल रही है, इसलिए हम अनुकूलन करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कभी-कभी बायो बबल थकान, मानसिक थकान भी हो जाती है।