टीम इंडिया के वर्तमान टेस्ट कप्तान विराट कोहली और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के विपरीत बयानों को लेकर पिछले कुछ दिनों से क्रिकेट जगत में हंगामा हुआ है। सौरव गांगुली ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उन्होंने विराट कोहली को व्यक्तिगत रूप से टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था। वहीं बुधवार को विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि किसी ने उनसे इस तरह का अनुरोध नहीं किया था।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार बीसीसीआई बुधवार को विराट कोहली के प्रेस कॉन्फ्रेंस से खुश नहीं था। हालांकि बोर्ड को यह बात पता है कि इस समय किसी तरह की प्रतिक्रिया से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम के मनोबल पर असर पड़ सकता है।
गुरुवार 16 दिसंबर को भारतीय दल साउथ अफ्रीका पहुंचा। इस बीच सौरव गांगुली ने इस मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से खुद को बचाया। हालांकि उन्होंने कहा कि बीसीसीआई आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, 'नो कमेंट्स, कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं। हम इससे निपटेंगे। इसे बीसीसीआई पर छोड़ दें।'
बीसीसीआई अधिकारियों ने की मीटिंग
सूत्रों के मुताबिक सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित बीसीसीआई के पदाधिकारियों ने बुधवार को एक जूम कॉल मीटिंग की, जहां यह फैसला किया गया कि बोर्ड दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले किसी भी मीडिया बातचीत में शामिल नहीं होगा।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्तों पर बताया कि संवेदनशील मामले से कैसे निपटा जाए, इस पर विशेषज्ञ की राय ली गई, क्योंकि इसमें प्रेसीडेंट के कार्यालय का भी सम्मान शामिल है। बीसीसीआई जानता है कि एक टेस्ट सीरीज नजदीक है और जल्दबाजी में लिया गया कोई भी फैसला या बयान टीम के मनोबल को प्रभावित कर सकता है।
बता दें कि भारत का दक्षिण अफ्रीका दौरा 26 दिसंबर से सेंचुरियन के सुपरस्पोर्ट पार्क में पहले टेस्ट के साथ शुरू होगा। दौरे पर जोहान्सबर्ग और केपटाउन में दो अन्य टेस्ट मैच खेले जायेंगे। बीसीसीआई पहले ही टेस्ट के लिए कोहली की अगुआई में 18 सदस्यीय टीम घोषित कर चुका है। हालांकि तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम की घोषणा अभी नहीं हुई है।