भारतीय अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के खिलाड़ी राजवर्धन हंगरगेकर पर उम्र छिपाने का आरोप लगा था। खेल और युवा विभाग, महाराष्ट्र के आयुक्त ओमप्रकाश बकोरिया ने आरोप लगाया कि राजवर्धन हंगरगेकर ने उम्र में हेराफेरी की है। उन्होंने कहा कि हंगरगेकर के इस व्यवहार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बकोरिया ने बीसीसीआई सचिव जय शाह को लिखे अपने पत्र में कहा कि राजवर्धन हंगरगेकर का आचरण खेल की अखंडता और नैतिकता के खिलाफ है। इससे खेल के प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगी। इसलिए कानून के अनुसार हंगरगेकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
बकोरिया ने लगाए गंभीर आरोप
ओम प्रकाश बकोरिया ने यह भी आरोप लगाया कि टेरना पब्लिक स्कूल के हेडमास्टर ने हंगरगेकर की जन्मतिथि को 10 जनवरी 2001 से 10 नवंबर 2002 तक मैन्युअल रूप से बदल दिया था। उन्होंने आगे कहा कि जब हंगरगेकर ने अंडर 19 विश्व कप में हिस्सा लिया तब उन्होंने 21 साल पूरे कर लिए थे।
उन्होंने आरोप लगाया, 'यदि हेड मास्टर को जन्मतिथि में किसी प्रकार के सुधार की जरूरत है, तो संबंधित जिले के शिक्षा अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है। फिर भी टेरना पब्लिक स्कूल, उस्मानाबाद के हेड मास्टर ने राजवर्धन हंगरगेकर की जन्म तिथि 10 जनवरी 2001 से बदलकर 10 नवंबर 2002 करने के लिए ऐसी कोई अनुमति नहीं ली। मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एलएएस), जिला परिषद, उस्मानाबाद की रिपोर्ट के अनुसार, उक्त खिलाड़ी की जन्म तिथि 10/01/2001 है और इसलिए टूर्नामेंट के समय उनकी उम्र 21 वर्ष रही।'
बीसीसीआई द्वारा कार्रवाई की संभावना नहीं
हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा इस मामले पर कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि हंगरगेकर पहली बार 2016 में महाराष्ट्र के लिए खेले थे और जांच में पुष्टि हुई थी कि उनकी उम्र वही थी जो दस्तावेज में बताई गई थी।
राजवर्धन हंगरगेकर ने अंडर-19 विश्व कप में छह मैच खेले और पांच विकेट लिए, जिसका परिणाम ये हुआ कि इंडियन टी-20 लीग 2022 मेगा ऑक्शन में चेन्नई ने राजवर्धन को 1.5 करोड़ रुपये में खरीद लिया। अब अगर बीसीसीआई उन पर किसी तरह की कार्रवाई नही करती है तो वह इंडियन टी-20 लीग के आगामी संस्करण में चेन्नई की ओर से खेल सकते हैं।