भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के निवर्तमान गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने अपने कार्यकाल के दौरान टीम में गेंदबाजों की स्तर और विकास पर बात की है। हाल ही में उनकी जगह पारस म्हाम्ब्रे को भारत का गेंदबाजी कोच बनाया गया है, जो पिछले कुछ वर्षों से भारत 'ए' और अंडर -19 टीमों में गेंदबाजी की भूमिका निभा रहे थे।
सभी गेंदबाज जबरदस्त रहे
भारतीय टीम में भरत अरुण की नियुक्ति उस समय हुई, जब रवि शास्त्री ने 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के बाद मुख्य कोच के रूप में पदभार संभाला। भरत अरुण के अंडर में भारतीय टीम को तेज गेंदबाजों का एक मजबूत कोर मिला, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दो बार टेस्ट सीरीज जीतने और इंग्लैंड में सीरीज में 2-1 की लीड लेने मदद की।
क्रिकबज के साथ एक इंटरव्यू में भरत अरुण ने कहा कि कैसे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने उन्हें प्रभावित किया। उन्होंने उनके कार्यकाल के दौरान मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और उमेश यादव जैसे गेंदबाजों में हुए सुधारों के बारे में बात की।
भरत अरुण ने कहा सभी गेंदबाज जबरदस्त रहे हैं। जब मैंने पदभार संभाला तो शमी, इशांत, भुवी और उमेश पहले से ही मौजूद थे। मैं गर्व से कह सकता हूं कि उनकी निरंतरता के स्तर में काफी सुधार हुआ है। उनके कौशल के बारे में उनकी समझ अब काफी बेहतर हुई है। मोहम्मद सिराज और जसप्रीत बुमराह के गेंदबाजी ने साबित कर दिया है कि वे सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर थे।
बुमराह के टेस्ट पदार्पण पर किया खुलासा
निवर्तमान कोच ने खुलासा किया कि कैसे बुमराह को टेस्ट टीम में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा बुमराह खुद को टेस्ट स्तर पर एक सफल गेंदबाज के रूप में देखना चाहते हैं। बुमराह ने 2017-18 के दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर टेस्ट में पदार्पण किया।
उन्होंने कहा यह बहुत खुशी की बात थी। बुमराह टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेहद भूखे हैं। यही बुमराह का सपना है। कई लोग बुमराह को सीमित ओवरों के क्रिकेट में एक महान गेंदबाज के रूप में आंकते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि वह शीर्ष टेस्ट गेंदबाज बनना चाहते हैं। उनका मानना है कि वह ऐसा कर सकते हैं। 2018 में रवि शास्त्री और विराट कोहली ने चयनकर्ताओं से दक्षिण अफ्रिका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए बुमराह को चुनने के लिए कहा। यह एक बेहतरीन कदम था। बाकी तो इतिहास है।