इंटरनेशनल टी-20 कप में भारतीय टीम के अपने दो शुरुआती मुकाबले हारने के बाद ये सवाल उठने लगे कि भारतीय टीम पिछले कई महीनों से बायो बबल में रहते हुए लगातार क्रिकेट खेलने के कारण थक गई थी और इस पर सुनील गावस्कर ने कहा था कि जब आप देश के लिए खेल रहे हैं तो इन कारणों की बात नहीं कर सकते। वहीं भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने कहा कि आईपीएल और इंटरनेशनल कप के बीच एक छोटा ब्रेक इन खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छा होता।
टूर्नामेंट में टॉस बड़ा कारक रहा है
भारत 8 नवंबर को नामीबिया के खिलाफ अपना आखिरी लीग मैच खेलने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन यह मैच सिर्फ औपचारिकता ही होगी, क्योंकि 7 नवंबर को न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। टूर्नामेंट में देखा गया कि मैच में टॉस बड़ा कारक रहा है और दूसरे पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीमों को अनुचित लाभ मिला है।
इस पर बात करते हुए भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा कि दूसरे पारी में खेलने वाली टीमों को अनुचित लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि टॉस का कोई परिणाम नहीं होना चाहिए, लेकिन यहां टॉस बहुत अनुचित लाभ देता है। पहली पारी में बल्लेबाजी और दूसरी पारी में बल्लेबाजी के बीच बहुत बड़ा बदलाव है, जो कि इस तरह से बहुत छोटे प्रारूप में नहीं होना चाहिए।
आईपीएल और टूर्नामेंट के बीच एक छोटा ब्रेक अच्छा होता
भरत अरुण ने आगे बायो बबल लाइफ पर बात करते हुए कहा कि भारत छह महीने से लगातार क्रिकेट खेल रही है। आईपीएल और इंटरनेशनल टी-20 कप के बीच एक छोटा ब्रेक टीम के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। प्रारंभ में जब भारतीय टीम जब आश्चर्यचकित रूप से अपने पहले दो मैच हार गई, तो कई लोगों ने कहा कि वे बायो बबल थकान से पीड़ित हैं, लेकिन गावस्कर ने कहा कि देश के लिए खेलते समय इन कारणों को आप बीच में नहीं ला सकते हैं।
उन्होंने कहा निश्चित रूप से छह महीने के लिए लगातार क्रिकेट खेलना एक बहुत बड़ा सवाल है, खिलाड़ी तब से घर नहीं गए हैं जब से उन्हें पिछले आईपीएल के बाद एक छोटा ब्रेक मिला था। वे पिछले छह महीनों से बायो बबल में हैं, जो एक बड़ा कारक है। इसलिए आईपीएल और इंटरनेशनल कप के बीच एक छोटा ब्रेक इन खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छा होता।