भारतीय क्रिकेटर रिद्धीमान साहा ने कुछ महीने पहले एक पत्रकार पर इंटरव्यू के लिए उनको धमकाने का आरोप लगाया था। इस मामले के लिए बीसीसीआई ने समिति भी गठित की और जांच भी की गई। इस बीच खबर आ रही है कि धमकाने वाले पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई दो साल का बैन लगा सकता है।
जानिए क्या था मामला
दरअसल, बीसीसीआई ने श्रीलंका के खिलाफ टी-20 और टेस्ट सीरीज के लिए रिद्धिमान साहा को टीम इंडिया में शामिल नहीं किया। इसके बाद पत्रकार ने साहा को इंटरव्यू के लिए मैसेज किया, जिस पर साहा ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर क्या था, पत्रकार ने रिद्धिमान साहा को अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसके बाद साहा ने ट्विटर पर बातचीत के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की।
उस समय रिद्धिमान साहा ने ट्वीट करते हुए लिखा, "भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद मुझे एक तथाकथित 'सम्मानित' पत्रकार का इस तरह सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारिता कहां चला गया है। उन्होंने स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें पत्रकार ने कहा था, आपने फोन नहीं किया। मैं फिर कभी आपका इंटरव्यू नहीं करूंगा। मैं अपमान नहीं सहता और मैं इसे याद रखूंगा। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
दो साल के लिए पत्रकार पर लग सकता है बैन
अब रिपोर्ट्स के अनुसार मामले में बीसीसीआई द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल ने खेल पत्रकार को साहा को डराने-धमकाने का दोषी पाया। अब उन पर कार्रवाई की जा सकती है और दो साल के लिए बैन लग सकता है। ऐसे में न तो उन्हें भारत में स्टेडियम में घुसने दिया जाएगा और न ही वह खिलाड़ियों से मिल पाएंगे।
इसके अलावा माना जा रहा है कि भारतीय बोर्ड, क्रिकेट के शीर्ष निकाय को उन्हें ब्लैकलिस्ट में डालने के लिए लिखने जा रहा है। बीसीसीआई ने साहा के आरोपों की जांच के लिए उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और शीर्ष परिषद सदस्य प्रभातेज भाटिया की एक समिति बनाई थी।
बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, हम भारतीय क्रिकेट बोर्ड की सभी राज्य इकाइयों को उन्हें स्टेडियम के अंदर नहीं जाने देने के लिए सूचित करेंगे। उन्हें घरेलू मैचों के लिए मीडिया से मान्यता नहीं दी जाएगी और हम उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए क्रिकेट के शासी निकाय को भी लिखेंगे। खिलाड़ियों को उनके साथ नहीं जुड़ने के लिए कहा जाएगा।