बांग्लादेश प्रीमियर लीग में 25 जनवरी को दो ऐसे मुकाबले खेले गए जिसमें एक टीम दूसरे पर काफी ज्यादा भारी पड़ी। पहले मैच में जहां सिलहट सनराइजर्स ने मिनिस्टर ग्रुप ढाका को पराजित कर टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत हासिल की, वहीं कोमिला विक्टोरियंस ने फॉर्च्यून बरिशाल को 63 रनों के बड़े अंतर से हराया।
मैच 7: सिलहट सनराइजर्स ने दर्ज की अपनी पहली जीत
सिलहट सनराइजर्स ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में हो रहे इस मैच में मिनिस्टर ग्रुप ढाका की मजबूती बल्लेबाजी फिर बिखर गई। कप्तान महमुदुल्लाह को छोड़कर उनकी टीम का कोई भी बल्लेबाज सिलहट के गेंदबाजों का सामना नहीं कर पाया और पूरी टीम केवल 100 रनों पर ऑल आउट हो गई। सनराइजर्स के नजमुल हुसैन ने सर्वाधिक चार विकेट अपने नाम किए, जबकि तस्कीन अहमद को तीन विकेट मिले।
जैसा की उम्मीद थी, सिलहट सनराइजर्स के लिए 101 रनों का लक्ष्य मुश्किल साबित नहीं हुआ। भले ही लेंडल सिमंस जल्दी पवेलियन लौट गए लेकिन अनामुल हक, मोहम्मद मिथुन और कॉलिन इंग्राम ने टीम को 17 ओवर में सात विकेट शेष रहते लक्ष्य तक पहुंचा दिया। ढाका के लिए अनुभवी मशरफे मोर्तजा ने किफायती गेंदबाजी करते हुए दो विकेट झटके। सिलहट के नजमुल को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
मैच 8: कोमिला विक्टोरियंस ने विजय रथ जारी रखा
बीपीएल के आठवें मैच में फॉर्च्यून बरिशाल ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला किया। कोमिला के सलामी बल्लेबाजों कैमरून डेलपोर्ट और महमूदुल हसन जॉय ने टीम को सधी हुई शुरुआत दिलाई, लेकिन मध्यक्रम इसका फायदा नहीं उठा पाया। अंततः विक्टोरियंस ने 20 ओवर में 158 रन बनाए। फॉर्च्यून बरिशाल के लिए अनुभवी ऑलराउंडर शाकिब अल हसन और ड्वेन ब्रावो ने क्रमशः 2 और 3 विकेट चटकाए।
अब तक शेरे बांग्ला स्टेडियम में दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीमें अधिक मैच तो नहीं जीत पाई हैं, लेकिन फॉर्च्यून की अनुभवी और गहराई वाले बल्लेबाजी क्रम के लिए यह लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन नहीं था। हालांकि, कोमिला के नाहिदुल हसन ने बेहद कम रन देकर तीन विकेट अपने नाम करते हुए बरिशाल की कमर तोड़ दी, जिससे वो उबर ही नहीं पाए। जैसे-तैसे फॉर्च्यून की टीम 95 रन बनाकर निपट गई, जिसमें नाहिदुल के अलावा शोहिदुल इस्लाम, करीम जनत और तनवीर इस्लाम के दो-दो विकेटों का हाथ था।