भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी को इंडियन क्रिकेट बोर्ड का नया अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली की जगह ली है। साल 1983 विश्व कप विजेता इंडियन क्रिकेट बोर्ड के 36वें अध्यक्ष हैं। रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के लिए नामांकन वाले एकमात्र उम्मीदवार थे और वे निर्विरोध चुनाव जीत गए। सर्वसम्मति से चुने गए बोर्ड के अन्य पदाधिकारियों में सचिव जय शाह, कोषाध्यक्ष आशीष शेलार, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया शामिल हैं।
अध्यक्ष बनने के बाद सभी की निगाहें उनपर टिकी हुई हैं कि वह कौन सा बड़ा कदम उठायेंगे। ऐसे में सबका इंतजार खत्म करते हुए रोजर बिन्नी ने अपने मास्टरस्ट्रोक का ऐलान कर दिया है। रोजर बिन्नी ने मंगलवार को कहा कि वह मुख्य रूप से खिलाड़ियों की चोट को रोकने पर ध्यान देना चाहते हैं।
क्या है अध्यक्ष रोज बिन्नी का मास्टरस्ट्रोक?
रोजर बिन्नी ने एएनआई से बातचीत में कहा कि, "अध्यक्ष के रूप में, मैं मुख्य रूप से दो चीजों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। पहला खिलाड़ियों के चोट पर रोक लगाना है। जसप्रीत बुमराह विश्व कप से ठीक पहले चोटिल हो गए, जिससे भारतीय टीम की पूरी योजना प्रभावित हुई। दूसरा, मैं देश की सभी पिचों को ठीक करने के लिए ध्यान देना चाहता हूं।"
बता दें कि, बिन्नी ने साल 1979 में बैंगलोर में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू किया था। उन्होंने भारत के लिए 27 टेस्ट मैच और 72 वनडे मैच खेले हैं। टेस्ट मैच में उन्होंने 47 विकेट हासिल किए जबकि वनडे मैचों में 77 विकेट लिए हैं। साल 1983 के विश्व कप में 18 विकेट के साथ वह भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे, और भारत की पहली वर्ल्ड कप जीत में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
चोट की समस्या से समाधान बेहद ही जरूरी
रोजर बिन्नी ने चोट के समस्या को लेकर बड़ा कदम उठाया है। भारतीय टीम को फिलहाल में चोट की समस्या के कारण बड़े झटके लगे हैं। स्टार और अनुभवी ऑल राउंडर रवींद्र जडेजा चोट लगने के कारण वर्ल्ड कप टीम से बाहर हैं वहीं, जसप्रीत बुमराह और दीपक चाहर भी चोट के कारण वर्ल्ड कप के लिए टीम में शामिल नहीं हो पाएं हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रोजर बिन्नी इस चोट की समस्या को दूर करने के लिए किन नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।