भारत और इंग्लैंड के बीच रिशेड्यूल पांचवां टेस्ट मैच 1 जुलाई से बर्मिंघम में शुरू हुआ, जहां पहले दिन ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने टीम इंडिया की लड़खड़ाती पारी को संभाला। हालांकि, विराट कोहली एक बार फिर बल्ले से प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे। उनका खराब फॉर्म जारी है और वह सिर्फ 11 रन बनाकर आउट हो गए। इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने विराट कोहली के खराब फॉर्म पर प्रतिक्रिया दी है।
पहले दिन इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा जल्दी आउट हो गए। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए विराट कोहली क्रीज पर उतरे और हनुमा विहारी के साथ पारी को संभालने का प्रयास किया। विराट कोहली बाहर जाती हुई गेंदों पर जोखिम नहीं लेना चाह रहे थे। फिर भी वह मैथ्यू पॉट्स की एक गेंद पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हो गए। वह मैथ्यू की ऑफ साइड गेंद को छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन बल्ला हटाते-हटाते गेंद उनके बल्ले को छूती हुई स्टंप्स पर जा टकराई।
संजय मांजरेकर ने विराट के फॉर्म को लेकर चिंता जताई
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने विराट कोहली परेशानियों के बारे में बात की और बताया कि कोहली की तकनीक इस समय सही नहीं है, लेकिन कुछ बल्लेबाज अपनी खराब तकनीक के बावजूद रन बनाते हैं। मांजरेकर का मानना है कि बल्लेबाजी के दौरान कोहली में आत्मविश्वास से कमी दिखी और उनके खराब फॉर्म के साथ कुछ दुर्भाग्य भी रहा।
संजय मांजरेकर ने सोनी स्पोर्स्ट पर बातचीत के दौरान कहा कि, 'मैं क्या कहूं, एक विशेषज्ञ के रूप में मैं जब देखता हूं तो मेरी कुछ राय होती है। उनमें आत्मविश्वास कम हो गया है, भाग्य का साथ भी नहीं मिला रहा, तकनीकी मुद्दे भी हैं। मुझे लगता है कि वह फ्रंट फुट पर काफी खेल रहे हैं, लेकिन ऐसा इसलिए नहीं कि वह रन नहीं बना रहे हैं, इन सबके बावजूद भी रन बनते हैं। हर किसी के पास परफेक्ट तकनीक नहीं होता है, लेकिन वे रन बनाते हैं।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कोहली के लंबे समय तक खराब फॉर्म को लेकर भी आश्चर्य व्यक्त किया। बता दें कि दाएं हाथ के बल्लेबाज कोहली ने पिछले कुछ सालों में रनों के लिए काफी संघर्ष किया है। वह दो साल से अधिक समय से किसी भी प्रारूप में शतक नहीं बना सके हैं। उन्होंने 2020 की शुरुआत के बाद से खेल के सबसे लंबे प्रारूप में 27.48 की औसत से 852 रन बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि, 'विराट कोहली की फॉर्म ने मुझे चौंका दिया। जब सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज फॉर्म से बाहर होते हैं, तो वे जल्दी से फॉर्म में वापस आ जाते हैं। उनका आउट-ऑफ-फॉर्म का दौर इतने लंबे समय तक कैसे चला, हम नहीं जानते।'