अफगानिस्तान को 2018 में टेस्ट का दर्जा मिला, जबकि बांग्लादेश 2000 से पूर्ण सदस्य है। इसके बावजूद आईपीएल में अफगानिस्तान के खिलाड़ियों की भागीदारी अधिक है, जबकि बांग्लादेश के खिलाड़ियों में कुछ चुनिंदा ही आईपीएल खेलते हैं। इसको लेकर पूर्व भारतीय खिलाड़ी दीप दासगुप्ता ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेशी खिलाड़ियों को विदेशी लीगों में भाग लेना चाहिए ताकि, आईपीएल फ्रेंचाइची टीमों की नजर उनके ऊपर पड़े सके।
ऐसे खिलाड़ियों पर रहती है आईपीएल टीमों की नजर
दीप दासगुप्ता ने यूट्यूब चैनल पर एक प्रशंसक के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आईपीएल की अधिकांश टीमें अंतरराष्ट्रीय सर्किट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों या दुनिया भर में फ्रैंचाइज़ी लीग टूर्नामेंट में नियमित रूप से खेलने वाले खिलाड़ियों की तलाश करती हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में केवल शाकिब और मुस्तफिजुर ही ऐसे हैं जिन्हें अन्य टी20 लीग में डील मिले हैं। महमूदुल्लाह और लिटन दास ने भी कुछ लीगों में भाग लिया है, लेकिन नियमित रूप से नहीं।
दूसरे फ्रेंचाइजी क्रिकेट में प्रदर्शन महत्वपूर्ण
दीप दासगुप्ता ने कहा कि ज्यादातर क्रिकेटर जो आईपीएल में आते हैं, वे सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। दूसरे उनमें से ज्यादातर दुनिया भर में अन्य टी 20 लीग, फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेल रहे हैं। फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट में आपका प्रदर्शन बहुत मायने रखता है। आईपीएल टीमें देखती हैं कि एक खिलाड़ी सीपीएल में कैसा प्रदर्शन करता है या बीबीएल में कैसा प्रदर्शन करता है।
बांग्लादेशी खिलाड़ी अधिक से अधिक टी 20 लीग खेले
उन्होंने आगे कहा कि एक बार जब बांग्लादेश के खिलाड़ी अधिक से अधिक टी 20 लीग खेलना शुरू कर देंगे, तो आईपीएल में अधिक से अधिक बांग्लादेशी प्रतिभाओं को देखने का मौका मिलेगा। बंगाल के पूर्व क्रिकेटर ने कहा मुझे लगता है कि एक बार फिर से बांग्लादेश के खिलाड़ी दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना शुरू करेंगे और बेहतरीन प्रदर्शन सामने आने लगे, तो आप आईपीएल में भी बांग्लादेशी क्रिकेटरों को अधिक से अधिक देखेंगे।