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"कुछ करो वरना वापस मत आना" जब पिता ने शाहबाज अहमद को दी थी चेतावनी, फिर ऑलराउंडर ने किया कुछ ऐसा...

जब शाहबाज अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे थे तब उन्हें अपने पिता से चेतावनी मिली थी। उनके पिता ने शाहबाज से कुछ बड़ा करने के लिए कहा और..

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Manoj Kumar
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"कुछ करो वरना वापस मत आना" जब पिता ने शाहबाज अहमद को दी थी चेतावनी, फिर ऑलराउंडर ने किया कुछ ऐसा...

Shahbaz Ahmed. (Photo Source: BCCI)

भारत ने 9 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरा वनडे मैच जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। भारत की तरफ से दूसरे वनडे में हमें टीम में बदलाव देखने को मिले। टीम में शाहबाज अहमद और वाशिंगटन सुंदर की एंट्री हुई। वाशिंगटन सुंदर टीम के लिए पहले ही डेब्यू कर चुके थे लेकिन शाहबाज अहमद ने भारत के लिए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। शाहबाज अहमद वनडे अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में सीनियर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 247वें खिलाड़ी बन गए हैं।

अपने डेब्यू मैच में शाहबाज ने कमाल की गेंदबाजी की और अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला विकेट भी हासिल किया। लेकिन, भारतीय टीम में पहुँचने तक का उनका सफर आसान नहीं रहा है। एक आम परिवार से आने वाले शाहबाज ने अपने क्रिकेट के जुनून को आगे बढ़ाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया है। क्रिकेट को अपना करियर चुनने के फैसले के बाद शाहबाज को अपने पिता से एक चेतावनी भी मिल चुकी है।

शाहबाज ने छोड़ दी थी पढ़ाई

शाहबाज ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी जिसके कारण उनके माता-पिता काफी निराश थे। इसके बाद उन्होंने हरियाणा भी छोड़ दिया और घरेलू स्पेक्ट्रम में अपने क्रिकेटिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता चले गए। जब शाहबाज अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे थे तब उन्हें अपने पिता से चेतावनी मिली थी। उनके पिता ने शाहबाज से कुछ बड़ा करने के लिए कहा और यह भी कहा की अगर ऐसा नहीं कर पाए तो फिर वापस मत आना।

इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में, शाहबाज के पिता अहमद जान और उनकी मां अबनाम ने इस बारे में बताया और अपने बेटे की क्रिकेट यात्रा पर भी बातें की।

शाहबाज के पिता ने बताया की, "उसने कुछ बड़ा करने की ठानी थी। यहां तक ​​कि शाहबाज के कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी उसे कहा की वह गलती कर रहा है क्योंकि वह एक अच्छा छात्र है। शाहबाज ने अपने हेड से कहा कि 'एक दिन तुम मुझे मेरी डिग्री दोगे और मेरा सत्कार भी करोगे।' और पिछले साल ऐसा ही हुआ। उनकी माँ ने आगी कहा। "उसे खाना बनाना नहीं आता था, इसलिए उसका काम बर्तन साफ ​​करना था।"

पिता ने दी थी वापस ना आने की धमकी

शाहबाज के पिता ने खुलासा किया की उन्होंने कहा था की, "मैंने उस दिन कहा कुछ कर के आना, वरना मत आना वापीस"

बता दें की पार्थ प्रतिम चौधरी थे शाहबाज को तपन मेमोरियल क्लब में लाने में मदद की थी। और फिर इस ऑलराउंडर ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा।

शाहबाज की माँ ने कहा की, "पार्थ सर अल्लाह के भेजे हुए फरिश्ते हैं। आज के वक्त में कौन किसी अंजान को अपने घर में रखता है, उन्होंने शाहबाज को अपने बेटे की तरह रखा, उन्हें जितनी दुआ दो उतनी कम है। उन्होंने (पार्थ) अपने बेटे की तरह शाहबाज की देखभाल की।"

शाहबाज इंडियन 20-20 लीग में साल 2020 से बैंगलोर की टीम का हिस्सा हैं। और इस ऑल राउंडर का भविष्य सुनहरा लग रहा है।

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