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धोनी के जिस बल्ले से निकला था 2011 वर्ल्ड कप का विनिंग शॉट, जानिए वह कितने में बिका था?

धोनी के बल्ले को जुलाई 2011 में एक नीलामी में ले जाया गया, जहां इसने 100,000 पाउंड की भारी कीमत प्राप्त की थी।

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Manoj Kumar
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Heaviest Bat MS-Dhoni IN ODI WORLDCUP धोनी

MS-Dhoni IN ODI WORLDCUP

2 अप्रैल का दिन हर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार दिन है। 12 साल पहले 2 अप्रैल 2011 को भारतीय टीम ने 28 वर्षों के सूखे को खत्म करते हुए दूसरी बार वर्ल्डकप जीता था। कपिल देव की अगुवाई में 1983 में पहली बार वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम को दूसरी ट्रॉफी जीतने के लिए 28 सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा।

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2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में खेला गया फाइनल मैच भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा। सितारों से सजी भारतीय टीम का वर्ल्डकप का सफर शानदार रहा। फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया।  मैच में धोनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर लांग ऑन के ऊपर से छक्का लगाते हुए भारत को चैंपियन बनाया था।

उस पारी के बाद धोनी ने लोगों से खूब वाहवाही लूटी। भारत में हर क्रिकेट प्रशंसक और विशेष रूप से धोनी फैंस उस बल्ले को करीब से देखना चाहते थे, जिसके साथ धोनी ने भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े क्षणों में से एक को पूरा किया। उस बल्ले को जुलाई 2011 में एक नीलामी में ले जाया गया, जहां इसने 100,000 पाउंड की भारी कीमत प्राप्त की, जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में लगभग 72 लाख थी। इस रकम का इस्तेमाल धोनी के चैरिटेबल फाउंडेशन के सामाजिक कार्यों में किया गया।

धोनी-गंभीर ने खत्म किया इंतजार

उस फाइनल मैच की बात करें तो श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत के लिए जहीर खान ने उपुल थरंगा को आउट कर पहली सफलता दिलाई। थरंगा के बाद बल्लेबाजी करने आए  तिलकरत्ने दिलशान और कप्तान कुमार संगकारा ने क्रमशः 33 और 48 रनों के महत्वपूर्ण योगदान दिए। इनके बाद बल्लेबाजी करने आए महिला जयवर्धने ने 88 गेंदों पर नाबाद 103 रन बना कर मजमा लूट लिया था। महिला जयवर्धने की शानदार पारी की बदौलत श्रीलंका निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 276 रन बोर्ड पर टांग दिए। 

जवाब में लक्ष्य का पीछा करने आई भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग पहले ओवर की दूसरी ही बॉल पर मलिंगा का शिकार हो गए। उसके बाद मैदान में आए बाये हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 97 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया। गंभीर के आउट होने से पहले  धोनी-गंभीर के बीच 109 रनों की साझेदारी हुई थी। जिसके चलते भारत मजबूत स्थिति में था। अंत में धोनी ने 91 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को दूसरी बार विश्व विजेता बनाया।

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