जीवन के कुछ नैतिक सिद्धांत होते हैं। उनमें से एक यह भी है कि जीवन के किसी भी पहलु में एक व्यक्ति का नुकसान दूसरे का लाभ होता है और यह सिद्धान्त क्रिकेट पर भी लागू होता है। इस खूबसूरत खेल में, अतीत में कुछ घटनाएं घटी हैं जब कुछ खिलाड़ी चोटों के कारण अपनी टीम से बाहर हो गए, और उनकी अनुपस्थिति में, कुछ नए नाम खिलाड़ियों को मौका मिला और उन्होने उसे दोनों हाथों से पकड़ा।
ऐसा ही एक वाकया 1996 में भारत के इंग्लैंड का दौरे के दौरान घटा था। दिग्गज बल्लेबाज संजय मांजरेकर के फिटनेस टेस्ट में असफल होने के बाद, राहुल द्रविड़ को ऐतिहासिक लॉर्ड्स में दूसरे टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया। मांजरेकर की चोट द्रविड़ के लिए वरदान साबित हुई क्योंकि उन्होंने मौके को दोनों हाथों से भुनाया और मैच की पहली पारी में 95 रन बनाकर टीम में अपनी जगह पक्की की।
इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही पांच घटनाओं के बारे में बताएंगे जो एक खिलाड़ी के लिए चिंता तो दूसरे कि लिए वरदान साबित हुई।
5. माइकल हसी ने 2005 में जस्टिन लैंगर की जगह वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया
माइकल हसी ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज सलामी बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। लेकिन हसी को टेस्ट टीम में डेब्यू करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ा था। दरअसल ऑस्ट्रेलिया 2005 में वेस्टइंडीज दौरे पर गई हुई थी। तभी ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज जस्टिन लैंगर मुकाबले से पहले चोटिल हो गए। उनकी जगह माइकल हसी को मौका दिया गया।
हालांकि हसी पहले टेस्ट में अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में नाकाम रहे और दोनों पारियों में क्रमशः 1 और 29 रन बनाए। लेकिन सीरीज के दूसरे टेस्ट में शतकीय पारी खेलकर हसी ने ऑस्ट्रेलिया को 9 विकेट से जीत दिलाने में अहम योगदान दिया। और आगामी सीरीजों के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल होने के प्रबल दावेदार बने। उसके बाद वह इतिहास की गवाह है।