टीम इंडिया फिलहाल न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की टी-20 सीरीज खेलने में व्यस्त है। दोनों टीमों के बीच 2 मुकाबले खेले जा चुके हैं जिसमें भारत-न्यूजीलैंड 1-1 की बराबरी पर है। हालांकि, दूसरे टी-20 मैच के बाद हार्दिक पांडया पर काफी उंगलियां उठ रही हैं और वह सवालों के घेरे में भी हैं।
दरअसल, 29 अक्टूबर को खेले जानें वाले दूसरे टी-20 मुकाबले की पिच स्पिन के अनुकूल थी। इसपर साधारण स्पिनर की गेंद भी दिग्गज शेन वार्न की गेंद की तरह स्पिन हो रही थी। उस सतह को देखकर हर कप्तान अपने स्पिनर गेंदबाजों से ज्यादा से ज्यादा ओवर डलवाता ताकि टीम को जल्दी विकेट मिले और रन भी कम बने।
हार्दिक पांडया ने स्पिनरों को नहीं दिए मौके
लेकिन भारतीय कप्तान हार्दिक पांड्या ने इसका ठीक उलट किया। ऐसी पिच जो स्पिनरों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं थी, भारत के दो प्रमुख स्पिनरों को अपने ओवरों का पूरा कोटा डालने का मौका नहीं मिला। मैच में प्रभावी भारतीय स्पिनरों का इस्तेमाल सबसे कम किया गया।
भारतीय टीम ही नहीं पूरे मैच में चहल सबसे किफायती गेंदबाज रहे। इसके बावजूद, उन्हें केवल दो ओवरों के बाद गेंदबाजी से हटा लिया गया, और उन्हें वापस गेंद नहीं दी गई।
हार्दिक सिर्फ खुद के बारे में सोचते हैं
टीम इंडिया के लिए दूसरा मुकाबला जीतना बेहद ही जरूरी था क्योंकि वह सीरीज का पहला मैच हार चुकी थी। भारत के लिए दूसरा मुकाबला जीतना भी बेहद ही मुश्किल था लेकिन आखिरी ओवर में जाकर भारत ने मैच को अपने नाम किया। हालांकि, हार्दिक ने स्लो विकेट के लिए पिच क्यूरेटर की जमकर आलोचना की। लेकिन आपको बता दें कि हार्दिक को पहले से पता था कि पिच स्पिनरों को काफी फायदा देने वाली हैं। इसलिए टीम प्रबंधन ने तेज गेंदबाज उमरान मलिक को हटाकर एक एक्स्ट्रा स्पिनर का इस्तेमाल किया।
लेकिन फिर भी स्पिन के अनुकूल विकेट पर अपने फ्रंट-लाइन स्पिनर को अपना कोटा पूरा कराने के बजाय, हार्दिक पांड्या ने खुद चार ओवर फेंके। रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हार्दिक पांड्या ने ज्यादातर मैचों में नई गेंद से खुद ही पहले गेंदबाजी की है।