ड्वेन ब्रावो ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन क्रिकेट से पूरी तरह नाता तोड़ने की उनकी कोई योजना नहीं है। 38 वर्षीय ब्रावो ने 6 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टी-20 मैच खेला। वेस्टइंडीज का इंटरनेशनल टी-20 टूर्नामेंट में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और टूर्नामेंट में पहले से ही बाहर हो चुकी टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच में भी हार का सामना करना पड़ा था।
मैच के बाद ड्वेन ब्रावो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब तक मेरा शरीर मुझे अनुमति देगा मैं कुछ और वर्षों तक फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। मेरा लक्ष्य तो कुछ साल पहले संन्यास लेने का था, लेकिन प्रेसिडेंसी परिवर्तन के साथ और नेतृत्व परिवर्तन के साथ हृदय परिवर्तन होता है। मैं वेस्टइंडीज को वह चीज वापस देना चाहता था, क्योंकि मैं अभी भी शारीरिक रूप से अच्छी जगह पर था और अपने क्रिकेट का आनंद ले रहा था।
युवा खिलाड़ियों के लिए सही समय था
ब्रावो ने कहा कि मुझे लगता है कि यह अगली पीढ़ी और युवा खिलाड़ियों के आने और मेरे लिए इस खेल से दूर जाने का के सही समय था। उन्होंने कहा कि वे अभी भी मुझे उम्मीद के रूप में देखते हैं, लेकिन मेरे अनुभव को खिलाड़ियों के अगले समूह को वापस देने की कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि उनका 12 से 18 साल का करियर भी हो सकता है।
टी-20 के दिग्गज ब्रावो ने 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उन्होंने 91 टी-20 में वेस्टइंडीज टीम का प्रतिनिधित्व किया है। इसी अवधि में उन्होंने दुनिया भर में टी-20 लीग खेली और खेल के इस छोटे प्रारूप में खूब नाम कमाया। 16 अलग-अलग टी 20 लीग खिताबों का उनका रिकॉर्ड किसी से पीछे नहीं है।
कोचिंग की भूमिका की ओर झुकाव
ब्रावो ने बाद में एक कोचिंग की भूमिका निभाने के लिए अपना झुकाव व्यक्त किया। वह उस खेल को वापस देना चाहते हैं, जिसने उन्हें सब कुछ दिया। निश्चित रूप से किसी प्वाइंट पर मैं खेल से दूर जाने का फैसला करता हूं, तो मुझे कोचिंग विभाग में वापस जाना अच्छा लगेगा, इसलिए मैंने उस समय के लिए चीजों को पहले से ही प्लान करके बना रखा है।
उन्होंने कहा निश्चित रूप से आप मुझे चारों ओर देखेंगे। जैसा मैंने कहा क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया है। क्रिकेट ने मुझे वह जीवन दिया है, जो मैं हमेशा अपने और अपने परिवार के लिए चाहता था। इसलिए मुझे लगता है कि यह उचित है कि मैं उस खेल को वापस देना पसंद करूं, जिसने मुझे इतना कुछ दिया है। मैं वेस्टइंडीज में जो प्रतिभा देख रहा हूं, और दुनिया भर में जो भी टीम के लिए खेलता हूं, उसके कारण मैं खुद को प्रोत्साहित करता रहता हूं, तो निश्चित रूप से आप मुझे इसमें शामिल देखेंगे।