दक्षिण अफ्रीका के स्टार बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस ने यूएई में आयोजित हुए टी-20 विश्व कप टीम से बाहर होने पर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि वह विश्व कप में टीम के लिए खेलना चाहते थे और इसलिए उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, लेकिन सीएसए को खिलाड़ियों से अवास्तविक उम्मीदें थीं।
दरअसल फाफ डु प्लेसिस इंडियन टी-20 लीग 2021 में शानदार फॉर्म में थे और उन्होंने चेन्नई के लिए टूर्नामेंट में 633 रन बनाये, लेकिन इसके बावजूद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के टी-20 विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले साल जब वे दक्षिण अफ्रीका के लिए इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेल रहे थे तो विश्व कप में खेलने की योजना थी। लेकिन उस दौरान ऐसा कुछ हुआ, जिससे क्रिकेट साउथ अफ्रीका और उनके लिए मुश्किलें हो गईं।
डु प्लेसिस ने आगे कहा कि यही वजह थी कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने कोशिश की, लेकिन बीच का रास्ता नहीं निकला। उन्होंने कहा सीएसए हमेशा चाहता है कि खिलाड़ी हर समय उपलब्ध हो। इस वजह से मेरे और इमरान ताहिर जैसे खिलाड़ियों के लिए चुनौती बन गया, क्योंकि हम विदेश फ्रेंचाइजी लीग में खेल रहे थे। अगर वे नहीं चाहते कि हम सभी खेल खेलें, तो यह शायद एक अवास्तविक उम्मीद है।
'मेरे लिए उम्र मायने नहीं रखती'
फाफ डु प्लेसिस ने अपने फिटनेस पर कहा कि वे अभी भी शारीरिक रूप से महसूस करते हैं कि खेलने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, मैं लंबे समय तक खेलना चाहता हूं, इसलिए मैं भाग्यशाली हूं कि शारीरिक रूप से मैं ऐसा कर सकता हूं। मेरे लिए उम्र मायने नहीं रखती है। मैं अभी भी प्रेरित हूं।
अगले टी-20 विश्व कप के लिए एक साल से भी कम समय है। इस बीच मुख्य कोच मार्क बाउचर ने कहा कि टीम में जगह पाने के लिए हर खिलाड़ी के बीच होड़ है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि किसी के लिए दरवाजा बंद है। फाफ डु प्लेसिस से बातचीत हुई और दुर्भाग्य से सिर्फ शेड्यूलिंग और उस सभी चीजों के साथ काम नहीं कर सका। यह कोविड के समय और बायो बबल के दौरान कठिन रहा है। मैं समझता हूं कि परिवार के साथ उनके दृष्टिकोण से बहुत कठिन रहा है।