इंडियन टी-20 लीग दुनिया की सबसे लोकप्रिय टी-20 लीगों में से एक है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसने भारत में एक त्योहार के रूप में स्थान ले लिया है, जो हर साल आयोजित होता है। हालांकि, इस लीग का विवादों से नाता रहा है। आज हम लीग के इतिहास के टॉप- 5 सबसे बड़े विवादों पर एक नजर डालेंगे।
1. स्पॉट फिक्सिंग मामला-
स्पॉट फिक्सिंग कांड इस लीग के इतिहास में सबसे बड़े विवादों में से एक है। यह तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के तीन खिलाड़ियों एस श्रीसंत, अजीत चंदीला और अंकित चह्वाण पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप दर्ज किया। जांच के बाद खिलाड़ियों पर क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया। हालांकि तीनों खिलाड़ियों को दोषी नहीं पाया गया था, लेकिन चंदीला को 2016 में बीसीसीआई द्वारा सभी प्रकार के क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, श्रीसंत का प्रतिबंध 2020 में हटा लिया गया था।
2. हरभजन सिंह और श्रीसंत विवाद-
इस घटना में हरभजन सिंह और एस श्रीसंत शामिल थे। यह विवाद लीग के उद्घाटन संस्करण के दौरान हुई थी। पंजाब और मुंबई के बीच एक मैच के दौरान हरभजन सिंह ने तेज गेंदबाज श्रीसंत को थप्पड़ मार दिया, जिससे श्रीसंत कैमरों के सामने रोने लगे। उनकी रोती हुई फोटो भी वायरल हुई थी।
3. शाहरुख खान बनाम वानखेड़े सुरक्षा-
2012 में वानखेड़े में कोलकाता और मुंबई के बीच मैच के बाद, दो बार के चैंपियन के मालिक का मैदान पर एक सुरक्षा गार्ड के साथ झगड़ा हो गया। शाहरुख खान पर मैदानकर्मियों के साथ अभद्रता और मारपीट का आरोप लगा। दरअसल सुरक्षा गार्ड ने उन्हें मैदान में प्रवेश करने से रोक दिया। हालांकि, कहा यह जाता है कि बॉलीवुड मेगास्टार उस समय नशे में थे। इस विवाद के कारण मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने शाहरुख को अगले पांच वर्षों के लिए वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया।
4. 'रेव पार्टी' घटना-
साल 2011 में पुणे टीम का हिस्सा रहे राहुल शर्मा और वेन पार्नेल को मुंबई पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक 'रेव पार्टी' में पाया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों खिलाड़ियों पर प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन करने का आरोप लगा। हालांकि, दोनों खिलाड़ियों ने इससे इनकार किया और कहा कि वे गलत समय पर गलत जगह पर थे।
5. ललित मोदी पर बैन-
इंडियन टी-20 लीग का प्लान ललित मोदी की ही था। साल 2010 पर वित्तीय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद बीसीसीआई ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। उन पर आरोप सिद्ध होने के बाद उन्हें बीसीसीआई ने 2013 में प्रशासनिक पदों पर रहने से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया।