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धोनी को टीम इंडिया में लाने वाले बीसीसीआई के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटर अमिताभ चौधरी का हर्ट अटैक से हुआ निधन

पूर्व आईपीएस अधिकारी और जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का निधन मंगलवार तड़के तीन बजे रांची के सेंटेविटा अस्पताल में हुआ।

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Manoj Kumar
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धोनी को टीम इंडिया में लाने वाले बीसीसीआई के पूर्व एडमिनिस्ट्रेटर अमिताभ चौधरी का हर्ट अटैक से हुआ निधन

AMITABH BCCI (IMAGE SOURCE: TWITTER)

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व ऐक्टिंग सचिव और झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का मंगलवार, 16 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने से 62 साल की उम्र में निधन हो गया।

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चौधरी ने एक दशक से अधिक समय तक जेएससीए के पूर्व अध्यक्ष के रूप में काम किया और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के के संयुक्त सचिव भी बने। चौधरी ने जमशेदपुर से क्रिकेट हेड क्वार्टर को स्थानांतरित करते हुए रांची को झारखंड क्रिकेट का मुख्यालय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कैसे हुई मौत

पूर्व आईपीएस अधिकारी और जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का निधन मंगलवार तड़के तीन बजे रांची के सेंटेविटा अस्पताल में हुआ। उनके आवास पर फिसलकर गिरने के बाद उन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें तत्काल सेंटेविटा हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन उनकी मौत हो गई।

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अमिताभ चौधरी की जिंदगी

उल्लेखनीय है कि अमिताभ चौधरी का जन्म 06 जुलाई, 1960 को हुआ है। वर्ष 1984 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद 1985 में आईपीएस बने। इसके बाद उन्हें बिहार कैडर मिला। अमिताभ चौधरी 1997 में रांची के एसएसपी बनाए गए थे। उन्होंने अपनी क्षमता, सूझबूझ व बेहतर टीम की बदौलत रांची की जनता के बीच से अपराधियों का खौफ खत्म किया, जिसे लोग आज भी याद करते हैं। इसके बाद 29 अक्टूबर, 2020 को उन्हें झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का अध्यक्ष बनाया गया था।

धोनी को टीम इंडिया में लाने का श्रेय इन्हें ही जाता है

अभिताभ चौधरी ने क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धौनी के टीम इंडिया में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। चौधरी साल 2002 में बीसीसीआई के मेंबर बने और 2005 में झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। वे साल 2003-2009 के दौरान टीम इंडिया के मैनेजर बने। वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए अमिताभ चौधरी ने गृह विभाग में विशेष सचिव (एडीजी रैंक) के पद से वीआरएस ले लिया था। झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के टिकट पर चुनाव लड़े और 67 हजार वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे। वह साल 2005-06 में जिम्बाब्वे में भारतीय टीम के मैनेजर भी थे।

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