गौतम गंभीर सबसे फेमस क्रिकेट हस्तियों में से एक हैं और वह अपनी बेबाक कमेंट के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह एक पॉलिटिशियन के रूप में काम कर रहे हैं। हाल ही में जब उनसे एक पॉलिटिशियन होने के बावजूद इंडियन टी-20 लीग में भागीदारी के बारे में सवाल किया गया तो, उन्होंने अपने अंदाज में जवाब दिया।
बता दें कि गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और वह ईस्ट दिल्ली से सांसद हैं। पूर्व क्रिकेटर 'जन रसोई' नाम से एक किचन चलाते हैं , जो लोगों को एक रुपये में भोजन उपलब्ध कराता है। इस रसोई की स्थापना 'एक आशा जन रसोई' कार्यक्रम के तहत की गई थी। इसके अलाव गौतम गंभीर ने इसी क्षेत्र में एक लाइब्रेरी की भी स्थापना की है।
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज से जब एक एक्टिव सांसद होने के बावजूद इंडियन टी-20 लीग में उनकी भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी। गंभीर ने कहा कि गरीबों के लिए कल्याणकारी कार्य करने के लिए उन्हें धन की जरूरत होती है।
'ये सारा खर्च मैं अपनी जेब से भरता हूं'
गंभीर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा मैं इंडियन टी-20 लीग में कमेंट्री क्यों करता हूं या इसमें काम करता हूं, क्योंकि मैं 5000 लोगों को खिलाने के लिए हर महीने 25 लाख रुपये खर्च करता हूं। यह लगभग 2.75 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का खर्च है। मैंने पुस्तकालय बनाने के लिए 25 लाख रुपये भी खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा मैं यह सारा पैसा अपनी जेब से खर्च करता हूं, न कि सांसद निधि योजना से। इस फंड से मेरी रसोई या मेरे द्वारा किए जाने वाले अन्य कामों पर कोई राशि खर्च नहीं होता है। मेरे घर में पैसे का पेड़ नहीं है, जहां से मैं पैसे निकाल सकूं।
बता दें कि कोलकाता फ्रेंचाइजी के पूर्व कप्तान गंभीर पिछले सीजन में कमेंटेटर के तौर पर इंडियन टी-20 लीग से जुड़े थे, लेकिन इस साल वह एक मेंटर के रूप में लखनऊ फ्रेंचाइजी का हिस्सा थे। उनके नेतृत्व में लखनऊ ने प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि लखनऊ एलिमिनेटर में बैंगलोर से हार कर बाहर हो गयी थी।