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गौतम गंभीर ने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के बहाने रवि शास्त्री पर साधा निशाना

गंभीर ने रवि शास्त्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ ऐसे व्यक्ति हैं जो सफलता मिलने के बाद भी बड़े बयान नहीं देते हैं।

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Justin Joseph
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Gautam Gambhir

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रवि शास्त्री का बतौर कोच कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुए टी-20 विश्व कप के बाद खत्म हो गया और उनकी जगह राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया। न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज से राहुल द्रविड़ ने अपना कार्यभार संभाला और भारत ने रविवार को तीसरा टी-20 मैच जीतकर न्यूजीलैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप किया। भारत की इस सफलता से हेड कोच काफी खुश नजर आये और कहा कि न्यूजीलैंड के लिए यह आसान नहीं था।

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इस बीच भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और रवि शास्त्री की तुलना की। उन्होंने रवि शास्त्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल द्रविड़ ऐसे व्यक्ति हैं जो सफलता मिलने के बाद भी बड़े बयान नहीं देते हैं।

जीत के साथ हुई रोहित-द्रविड़ युग की शुरुआत

न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में 3-0 की जीत के साथ भारतीय क्रिकेट में रोहित-द्रविड़ युग की सकारात्मक शुरुआत हुई। मैच के समाप्त होने के बाद मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बताया कि टी-20 विश्व कप के तुरंत बाद न्यूजीलैंड के लिए द्विपक्षीय सीरीज में खेलना कितना मुश्किल था।

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उन्होंने कहा कि हमें अपने पैर जमीन पर रखने होंगे और यथार्थवादी होना होगा। खासकर अगले 12 महीनों में बड़ी चीजों के साथ। न्यूजीलैंड के लिए विश्व कप फाइनल खेलने के तीन दिन बाद छह दिनों में तीन मैच खेलना आसान नहीं था। हम जानते थे कि यह उनके लिए कभी आसान नहीं होने वाला था।

राहुल द्रविड़ के बयान हमेशा संतुलित रहेंगे

इस पर गौतम गंभीर ने टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में कहा कि एक बात जो मुझे आश्चर्यजनक लगी, वह यह कि जब आप अच्छा खेलते हैं, तो आप आमतौर पर इसके बारे में शेखी नहीं बघारते हैं। अगर दूसरे आपके बारे में बात करते हैं तो यह ठीक है। जब भारत ने 2011 विश्व कप जीता था, तो किसी ने यह बयान नहीं दिया कि हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टीम है।

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उन्होंने कहा इसमें कोई शक नहीं कि आप ऑस्ट्रेलिया में जीते, इंग्लैंड में जीते। लेकिन दूसरों को आपकी प्रशंसा करने दें। राहुल द्रविड़ के ऐसे बयान आपने नहीं सुने होंगे। भारत चाहे जीते या हारे उनके बयान हमेशा संतुलित रहेंगे। विनम्रता बहुत महत्वपूर्ण है, चाहे आप अच्छा खेलें या बुरा। क्रिकेट हमेशा के लिए नहीं चलेगा। मुझे लगता है कि द्रविड़ का मुख्य फोकस होगा कि क्रिकेट के साथ-साथ खिलाड़ी एक अच्छा इंसान भी बनें।

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