इंटरनेशल टी-20 कप की जिस समय शुरुआत होने वाली थी, तो सभी को उम्मीद थी कि भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से शानदार प्रदर्शन देखने को मिलेगा। लेकिन शुरुआती 2 मुकाबलों में एकतरफा हार की वजह से अब टीम का सफर सुपर-12 से ही समाप्त हो जाएगा। इस मेगा इवेंट के पहले मैच में भारत को पाकिस्तान के खिलाफ एकतरफा 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। जबकि दूसरे मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम ने उन्हें 8 विकेट से मात दी।
हालांकि इसके बाद अगले 2 मुकाबलों में भारतीय टीम ने अफगानिस्तान और स्कॉटलैंड के खिलाफ एकतरफा जीत जरूर दर्ज की लेकिन इसके बावजूद टीम सेमीफाइनल की दौड़ से बिल्कुल ही बाहर हो गई। अब भारतीय टीम सुपर-12 में अपने ग्रुप का आखिरी मुकाबला नामीबिया के खिलाफ खेलने दुबई के मैदान में उतरेगी जिसका अधिक महत्व नहीं बचा है।
बता दें कि साल 2012 के बाद यह पहली बार है कि भारतीय टीम किसी ऐसे मेगा इवेंट के नॉकआउट के दौर में पहुंच पाई है। जिसके चलते फैंस और कई क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनके प्रदर्शन की काफी आलोचना भी की है। लेकिन इसी बीच पूर्व भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर ने टीम के प्रदर्शन को लेकर सवाल जरूर खड़े किए हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने फैंस से भी यह अपील की है उन्हें खिलाड़ियों को लेकर ज्यादा गंभीर आलोचना करने से बचना चाहिए क्योंकि वह काफी लंबे समय से बायो-बबल का हिस्सा हैं जिसमें रहना आसान काम नहीं होता है।
गंभीर ने भारतीय टीम का किया बचाव
गौतम गंभीर ने टाइम्स ऑफ इंडिया के अपने एक लेख जरिए कहा कि, हमें टीम के प्रदर्शन की आलोचना करने से पहले यह समझना चाहिए कि यह सभी मैच एक बायो-बबल में रहते हुए खेले गए हैं। लेकिन खिलाड़ियों को इस दौरान खुद को तैयार रखने के साथ होटल में क्वारंटीन और फ्लाइट में यात्रा भी करनी पड़ी है। जिसके बाद बायो-बबल में रहते हुए अच्छा प्रदर्शन करना बिल्कुल भी आसान काम नहीं होता। क्या हम ऐसा नहीं कह सकते कि हमारे खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन की पूरी कोशिश की।
वहीं गंभीर ने आयोजनकर्ताओं को यह भी सलाह दी कि इस तरह के मेगा इवेंट का आयोजन करने के लिए टीमों को 2 ग्रुपों में बांटने की जगह पर राउंड रॉबिन मुकाबले की तरह आयोजन करना चाहिए। ताकि सभी टीमों को बराबरी का मौका मिल सके।