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Harbhajan SIngh
भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है। इसके बाद से वह बीसीसीआई और महेंद्र सिंह धोनी को लेकर काफी हमलावर है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर अन्य भारतीय खिलाड़ियों को धोनी की तरह बीसीसीआई से समर्थन मिलता तो कई क्रिकेटर महान बन जाते।
हरभजन सिंह ने आगे कहा कि अगर उन्हें लंबे समय तक खेलने का मौका दिया जाता तो वह 100-150 विकेट और ले सकते थे। ऑफ स्पिनर ने 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बैंगलोर में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने 103 टेस्ट में 417 विकेट लिए हैं, जिसमें 10 बार चार विकेट और 25 बार पांच विकेट शामिल हैं। इसके अलावा 236 वनडे में 269 विकेट हासिल किए।
हरभजन सिंह ने कहा, 'धोनी को अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अधिक समर्थन था और अगर बाकी खिलाड़ियों को भी उसी तरह का समर्थन मिलता, तो वे भी खेलते। ऐसा नहीं था कि बाकी खिलाड़ी बल्लेबाजी करना भूल गए थे या अचानक गेंदबाजी करना नहीं जानते थे।'
किस्मत ने हमेशा साथ दिया
उन्होंने कहा, 'किस्मत ने हमेशा मेरा साथ दिया है। बस कुछ बाहरी कारक मेरे साथ नहीं थे और हो सकता है, वे पूरी तरह से मेरे खिलाफ हों। इसकी वजह है कि मैं जिस तरह से गेंदबाजी कर रहा था या जिस गति से मैं आगे बढ़ रहा था। मैं 31 साल का था जब मैंने 400 विकेट लिए थे और अगर मैं 4-5 साल और खेलता तो 100-150 या उससे अधिक विकेट लेता।'
हरभजन सिंह ने आगे दावा किया कि बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों ने उन्हें भारतीय टीम से समय से पहले बाहर कर दिया। उन्होंने कहा कि चयन कॉल हमेशा कप्तान और टीम के कोचों से परे रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'हां। एमएस धोनी तब कप्तान थे, लेकिन मुझे लगता है कि चयन की बात धोनी के सिर के ऊपर थी। कुछ हद तक कुछ बीसीसीआई अधिकारी इसमें शामिल थे और वे नहीं चाहते थे कि मैं टीम में रहूं। कप्तान एमएस धोनी ने इसका समर्थन किया हो, लेकिन एक कप्तान कभी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। बीसीसीआई के अधिकारी हमेशा कप्तान, कोच या टीम से ऊपर रहे हैं।'