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हरभजन सिंह ने अपनी बायोपिक को लेकर जाहिर की ख्वाहिश, बताया आखिर क्यों बनाई जाए

हरभजन सिंह चाहते हैं कि उनके जीवन पर एक बायोपिक बनायी जाए, ताकि लोग उनके बारे में भी जान सकें कि वह किस तरह के आदमी हैं और वह क्या करते हैं।

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Justin Joseph
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Harbhajan Singh ( Image Credit: Twitter)

Harbhajan Singh ( Image Credit: Twitter)

भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। 41 वर्षीय हरभजन सिंह ने 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा वह 163 आईपीएल मैच भी खेल चुके हैं। इस बीच हरभजन सिंह ने अपनी एक ख्वाहिश जाहिर की है। वह चाहते हैं कि उनके जीवन पर एक बायोपिक बनायी जाए।

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हरभजन सिंह चाहते हैं कि सभी को इस बारे में जानकारी हो को खेल के दिनों में वह किस तरह के व्यक्ति थे, क्योंकि कई लोगों को उनकी जीवन के पीछे की कहानी के बारे में नहीं पता है। भारत में एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर या क्रिकेट आयोजन पर बायोपिक अनदेखी या अनसुनी नहीं है। पूर्व कप्तान एमएस धोनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन पर पहले ही बायोपिक बनाई जा चुकी है। जबकि हाल ही में '83' फिल्म रिलीज हुई है, जो कपिल देव के नेतृत्व में 1983 विश्व कप जीत पर आधारित है।

'एक फिल्म या वेब सीरीज चाहता हूं'

हरभजन ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि वह अपने जीवन पर बनी एक फिल्म या एक वेब सीरीज चाहते हैं, ताकि लोग उनके बारे में भी जान सकें कि वह किस तरह के आदमी हैं और वह क्या करते हैं। इस बीच यह पूछे जाने पर कि वह अपनी बायोपिक में खलनायक की भूमिका निभाते हुए किसे देखना चाहेंगे, तो हरभजन ने कहा कि यह नहीं कह सकते कि बायोपिक में खलनायक कौन होगा। एक नहीं अनेक हैं।

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पूर्व ऑफ स्पिनर ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि उन्हें खेल के साथ क्रिकेट को अलविदा कहने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी भारत की जर्सी पहनकर संन्यास लेना चाहता है, लेकिन किस्मत हमेशा साथ नहीं देती और कई बार आप जो चाहते हैं वह नहीं होता। आपने वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग जैसे बड़े नामों को लिया है और बाद में संन्यास लेने वाले कई अन्य लोगों को मौका नहीं मिला।

पूर्व स्पिनर ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को दोषी ठहराया

हरभजन सिंह ने कहा कि वह टीम के लिए और विकेट लेते अगर उन्हें टीम से बाहर नहीं किया गया होता। इसके लिए उन्होंने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को दोषी ठहराया।

उन्होंने कहा, 'कुछ हद तक कुछ बीसीसीआई अधिकारी इसमें शामिल थे और वे नहीं चाहते थे कि मैं टीम में रहूं। कप्तान एमएस धोनी ने इसका समर्थन किया हो, लेकिन एक कप्तान कभी बीसीसीआई से ऊपर नहीं हो सकता। बीसीसीआई के अधिकारी हमेशा कप्तान, कोच या टीम से ऊपर रहे हैं।'

हरभजन सिंह ने आगे कहा कि वह 31 साल के थे जब उन्होंने 400 विकेट लिए थे और अगर 4-5 साल और खेलते तो और वह 100-150 विकेट और ले लिए होते।

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