2 अप्रैल 2011 की तारीख हर भारतीय प्रशंसक की यादों में आज भी ताजा होगा, क्योंकि भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 साल बाद 50 ओवर वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। भारतीय टीम की उस उपलब्धि के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल था। तत्कालीन भारतीय कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में भारत ने दूसरी बार ट्रॉफी जीता।
फाइनल मुकाबले में धोनी ने नुवान कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत को विजयी बनाया था। हरभजन सिंह भी उस टीम का अहम हिस्सा थे। उन्होंने टूर्नामेंट में 9 विकेट चटकाए थे और टीम के गेंदबाजी प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हाल ही में उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप के जीत का क्रेडिट एमएस धोनी को देने वाले फैन्स पर अपनी राय व्यक्त की।
पूर्व भारतीय स्पिनर ने खुलकर रखी अपनी राय
हरभजन सिंह ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कहा, क्रिकेट एक टीम गेम है, किसी एक व्यक्ति के द्वारा टूर्नामेंट जीतना संभव नहीं है। भारत की प्रतिष्ठित जीत के बारे में पूछे जाने पर पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ने कहा, "जब ऑस्ट्रेलिया उस समय विश्व कप जीतता है, तो हर कोई कहता है कि 'ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप जीता।' उस समय जब भारत विश्व कप जीता, तो सभी ने कहा, 'एमएस धोनी ने विश्व कप जीता।' तो बाकी के 10 वहां लस्सी पीने गए थे?'
हरभजन सिंह ने आगे कहा, अन्य 10 खिलाड़ियों ने क्या किया? गौतम गंभीर ने क्या किया? दूसरों ने क्या किया? यह एक टीम का खेल है। जब 7-8 खिलाड़ी अच्छा खेलेंगे तभी आपकी टीम आगे बढ़ेगी।
Bhajji on 🔥🤣🤣🤣... But no hate for MS 👍 pic.twitter.com/4tXxc90lt6
— Arghya Dey (@91_arghya) April 11, 2022
फाइनल मुकाबले की बात करें तो गौतम गंभीर ने 97 रन बनाए, जबकि धोनी ने 91 रन बनाए थे। वहीं युवराज सिंह को उनके हरफनमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला था। सचिन तेंदुलकर भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे और जहीर खान 21 विकेट के साथ टूर्नामेंट के संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
इसलिए, हरभजन का निराश होना उचित लगता है, जब यादगार जीत के लिए केवल एक खिलाड़ी को श्रेय दिया जाता है। यह पूरी टीम का प्रयास था, जिसने भारत को यह उपलब्धि हासिल करने में मदद की।