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हरभजन सिंह ने एमएस धोनी को लेकर किया खुलासा, बताया साल 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ कैसे दिलाई थी जीत

ड्रिंक्स ब्रेक हुआ और धोनी ने मुझसे कहा, 'भज्जू पा, आप वहां से डालोगे' (विकेट के आसपास)। उमर और मिस्बाह अच्छा खेल रहे थे।

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Manoj Kumar
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MS Dhoni, Babar Azam

MS Dhoni, Babar Azam ( Image Credit: Twitter)

भारत ने साल 2011 में 28 साल के बाद वर्ल्ड कप जीता था और इसके पीछे का कारण एमएस धोनी थे। एमएस धोनी के नेतृत्व में भारत का यह सपना पूरा हुआ था। भारत ने फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। हालांकि सेमीफाइनल मुकाबले में भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ था। हाल ही में भारतीय पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने उस मैच को लेकर कुछ खुलासा किया है।

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भारत के लिए यह विश्व कप बेहद यादगार रहा और यह भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर के लिए एक बेहतरीन विदाई भी थी। इस मैच में मास्टर ब्लास्टर सचिन ने 85 रनों की शानदार पारी के बदौलत टीम को 50 ओवरों में 260 रन बनाए थे। पाकिस्तान ने पारी की मजबूत शुरुआत की थी लेकिन जब वह 106 पर 4 विकेट के नुकसान पर थे तब उनका लय टूट गया था। लेकिन अनुभवी मिस्बाह उल हक ने उमर अकमल के साथ मिलकर 36 रनों की साझेदारी की और पाकिस्तान की डगमगाती पारी को संभाला था जो भारत के लिए खतरनाक बनते जा रहा था।

धोनी के सलाह के बाद भारत की झोली में गिरा था मैच

पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह उस मैच का हिस्सा थे और उन्होंने हाल ही में दिए इंटरव्यू में एमएस धोनी से जुड़ी एक अनकही कहानी का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि 33वें ओवर की समाप्ति के बाद ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान उन्होंने कप्तान धोनी के साथ बातचीत की। धोनी ने हरभजन को उमर अकमल को विकेट के आसपास गेंदबाजी करने की सलाह दी। ड्रिंक्स ब्रेक खत्म होने के बाद हरभजन ने धोनी के कहे अनुसार पहली ही गेंद उस तरह फेंकी और उन्हें अकमल का विकेट हासिल हुआ। पाकिस्तान का यह विकेट भारत के लिए बड़ा साबित हुआ और वह यह मैच जीतने में कामयाब रहे।

स्टार स्पोर्ट्स के दिल से इंडिया एपिसोड में हरभजन ने कहा कि, "यह मैच उनमें से एक था जहां मैं थोड़ा घबरा गया था। मैंने पांच ओवर फेंके थे और लगभग 26-27 रन दिए थे। उसके बाद ड्रिंक्स ब्रेक हुआ और धोनी ने मुझसे कहा, 'भज्जू पा, आप वहां से डालोगे' (विकेट के आसपास)। उमर और मिस्बाह अच्छा खेल रहे थे, और वे रन बना रहे थे जिससे उनकी साझेदारी खतरनाक होती जा रही थी। इसलिए मैं गेंदबाजी करने आया, और मैंने भगवान को याद किया और सिर्फ जीत के लिए प्रार्थना की। और भगवान ने मेरी बात भी सुनी। पहली ही गेंद पर जैसे ही मैंने विकेट के आसपास गेंदबाजी की मुझे उमर अकमल का विकेट मिला। वह पूरी तरह से इस गेंद को चूक गए थे।"

 

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