18 नवंबर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने चेतन शर्मा और पूरी चयन समिति को बर्खास्त कर सभी को चौंका दिया है। यह फैसला उसी दिन अचानक आया जब टीम इंडिया का वेलिंगटन में चल रही टी-20 सीरीज के पहले मैच में कीवी टीम से मुकाबला हुआ था। लेकिन भारी बारिश के कारण मैच को रद्द करना पड़ा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, टीम इंडिया का एशिया कप और 20-20 विश्व कप में खराब प्रदर्शन, वर्कलोड मैनेजमेंट और अनसुलझी टीम इस बर्खास्तगी के पीछे मुख्य कारण रहे हैं। लेकिन, अब उन बर्खास्त चयनकर्ताओं में से एक ने इंडियन क्रिकेट बोर्ड पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि बोर्ड ने उन्हें ही बलि का बकरा बनाया है।
चयन समिति ने खोली इंडियन क्रिकेट की पोल
इनसाइडस्पोर्ट से बात करते हुए, चयनकर्ता ने कहा, “इंडियन क्रिकेट बोर्ड ने हमें ही सिर्फ बलि का बकरा बनाया है, जबकि इस खराब प्रदर्शन और टीम में रोटेशन का दोष उन्हें भी लेना चाहिए। कप्तानी का फैसला पूरी तरह से हमारा अपना नहीं था। चयन के फैसलों में लगातार दखलंदाजी होती थी। रोटेशन पॉलिसी इंडियन क्रिकेट बोर्ड की सलाह के रूप में आई थी और यह निश्चित रूप से लॉजिकल थी। लेकिन अब वे हम पर नौ महीने में आठ कप्तान बदलने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने हमें फँसाया है।”
"शमी को टी-20 टीम से बाहर करने का कारण अर्शदीप जैसे किसी खिलाड़ी को जगह देना था और उसने अच्छा किया। जडेजा के लिए अक्षर पटेल को बैकअप बनाने के लिए समर्थन मिला। लेकिन बताइए, क्या अश्विन का कोई रिप्लेसमेंट है? मीडिया वाशिंगटन सुंदर की बात करेंगे, लेकिन अपको बता दूँ की वह चोट से जूझ रहे थे। इसलिए अश्विन ने वापसी की। जहां तक टीम चयन की बात है तो यह कभी हमारे हाथ में नहीं था। फैसला टीम प्रबंधन को लेना था। आपको पूछना चाहिए कि चहल ऑस्ट्रेलिया में क्यों नहीं खेले।"
विराट कोहली पर चयन समिति का बड़ा बयान
विराट कोहली पर भी चयन समिति ने खोली इंडियन क्रिकेट की पोल खोली है। उन्होंने कहा कि, 'मैं किसी का भी नाम नहीं लूँगा। लेकिन सभी प्रारूपों के लिए नए कप्तान के साथ जाने का फैसला पूरी तरह से चयन समिति का नहीं था। हम में से कुछ 2023 विश्व कप तक विराट को व्हाइट बॉल के प्रारूप के लिए रखना चाहते थे। लेकिन आखिरकार विराट को कप्तानी से हटा दिया गया।"