आईसीसी ने कहा कि अफगानिस्तान ने एशियाई देश में महिला क्रिकेट को जारी रखने की बात की है, लेकिन देश का क्रिकेट बोर्ड अभी भी कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है। टूर्नामेंट के शुरुआत होने से पहले अफगानिस्तान की तैयारी मुश्किलों में दिखी थी, क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन हाल ही में अफगानिस्तान पुरुष टीम ने यूएई में इंटरनेशनल टी-20 कप 2021 में हिस्सा लिया था। टीम सुपर-12 में स्कॉटलैंड और नामीबिया को हराकर पांच में से दो मैच जीत सकी और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
अफगानिस्तान के कदम का आईसीसी को इंतजार
आईसीसी के अंतरिम सीईओ ज्योफ एलार्डिस ने कहा कि शीर्ष बोर्ड अफगानिस्तान के महिला क्रिकेट को लेकर अगला कदम उठाने के बारे में इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अफगानिस्तान में पुरुषों और महिलाओं को क्रिकेट खेलते देखना है। हमने उनका समर्थन किया है और पुरुष टीम ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है। आपने उनके खिलाड़ियों को अब कई आयोजनों में देखा है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते होने वाली बैठक में बोर्ड अफगानिस्तान की स्थिति पर कैसे विचार करेगा, इस बारे में उन्हें एक रिपोर्ट मिलेगी।
नियमित रूप से हो रहा संवाद
ज्योफ एलार्डिस ने कहा उन्होंने हमें बताया कि महिला क्रिकेट जारी है। उन्होंने निश्चित रूप से हमें यह संकेत नहीं दिया है कि महिला क्रिकेट बंद हो गया है। समय बताएगा कि वे क्या करते हैं। हां जब से अफगानिस्तान में चीजें बदली हैं, तब से हम उनके साथ नियमित रूप से संवाद कर रहे हैं।
इस बीच यह भी पता चला है कि यूएई को 2024 के अगले चक्र में एक प्रमुख आईसीसी आयोजन मिल सकता है। एलार्डिस ने यह भी कहा कि आईसीसी विश्व स्तर पर क्रिकेट के खेल का विस्तार करना चाहता है। उन्होंने कहा कि आईसीसी आयोजन या इंटरनेशनल टूर्नामेंट को किसी विकासशील क्रिकेट देश में ले जाने से वहां प्रभाव पड़ता है।
इसके अलावा ज्योफ एलार्डिस ने ओलंपिक में क्रिकेट की संभावनाओं के बारे में बात की। महिला क्रिकेट अगले साल 2022 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा होगी और बर्मिंघम के एजबेस्टन में पहले मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया का आमना-सामना होगा।