IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया ने भारत को तीसरे टेस्ट मैच में 9 विकेट से हराकर सीरीज फिलहाल बचा ली है और इसी के साथ वह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुके हैं। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 109 रन बनाए, जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 197 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 88 रनों की बढ़त हासिल की। भारत ने दूसरी पारी में 163 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 76 रनों का लक्ष्य रखा।
76 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत खराब रही और रविचंद्रन अश्विन ने दिन के दूसरी ही गेंद पर सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा (00) को श्रीकर भरत के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया। इसके बाद मार्नस लाबुशेन और ट्रेविस हेड ने कोई और नुकसान नहीं होने दिया और दूसरे विकेट के लिए 78 रनों की नाबाद साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को 9 विकेट से जीत दिला दी। हेड 49 और लाबुशेन 28 रन बनाकर नाबाद रहे।
आपको बता दें कि इस मैच में टीम इंडिया ने बहुत जगह गलतियां की और जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस आर्टिकल में हम उन्हीं गलतियों के बारे में बात करेंगे।
आइए जानें वह 3 कारण जिनकी वजह से भारत तीसरा टेस्ट मैच हार गया:
# IND vs AUS: भारत की बल्लेबाजी हुई ध्वस्त
इस टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। रोहित शर्मा और चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर, टॉप और मध्य क्रम के अन्य बल्लेबाजों में से किसी ने भी वह प्रदर्शन नहीं किया। विराट कोहली स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते दिखे, और वह स्पिन के खिलाफ रन बनाने में एकदम नाकाम रहे।
टॉप और मध्य क्रम बल्लेबाजों से रन नहीं बने लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने उनकी लाज बचाई। लेकिन फिर भी पिच ने किसी को नहीं छोड़ा और टीम के कोई भी बल्लेबाज रन नहीं बना पाए। हालांकि आखिरी टेस्ट मैच के लिए बड़े बदलाव नहीं हो सकते हैं। इसलिए बल्लेबाजों को इस चीज का ध्यान जरूर रखना होगा कि वह रन बनाए।
# ऑस्ट्रेलिया को काउन्टर अटैक नहीं करना
दोनों पारियों में, भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे। जबकि दोनों पारियों में सलामी बल्लेबाजों द्वारा प्रयास किए गए, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला और इसलिए, बाकी बल्लेबाजी क्रम को डिफेंसिव क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों को भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाने का फायदा मिला।
श्रेयस अय्यर दूसरी पारी में थोड़े समय के लिए आक्रामक जरूर रहे, लेकिन उनकी नॉक कुछ खास नहीं थी। वहीं, ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने दिखाया कि इस सतह पर स्पिनरों पर हमला करना ही टीम के लिए फायदेमंद है।
# IND vs AUS: बतौर बल्लेबाज अक्षर पटेल का सही से इस्तेमाल न करना
अक्षर पटेल का भले ही गेंद के साथ ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया गया हो, लेकिन वह अब तक के सभी तीन टेस्ट मैचों में शायद सबसे अच्छे बल्लेबाज रहे हैं। हालाँकि, वह भारत की दूसरी पारी के अंत में संघर्ष करते दिखे लेकिन यही एक मौका था जब टीम प्रबंधन उन्हें इस्तेमाल कर सकता था।
अक्षर पूरे सीरीज के दौरान नियंत्रण में दिखे और श्रृंखला में अब तक बल्ले से उनके प्रदर्शन के कारण उन्हें ऊपर क्रम में प्रमोट किया जा सकता था। जडेजा पिछली तीन पारियों में नाथन लियोन के खिलाफ संघर्ष करते दिखे हैं और अक्षर उनकी जगह बल्लेबाजी क्रम में आ सकते थे। अगर भारत बल्लेबाजी क्रम मे बदलाव करता तो शायद टीम इतनी जल्दी आउट नहीं होती।