ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज के शुरुआती दो मैच जीतकर श्रृंखला अपने नाम की। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीसरा टेस्ट ड्रॉ होने से भारतीय टीम को फायदा हुआ है। उसने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है।
सिडनी टेस्ट की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया के 475 रनों के जवाब में साउथ अफ्रीका की पहली पारी 255 रन पर ही सिमट गई। इसके बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी साउथ अफ्रीका के लिए सेरेल इर्वी ने 42 रनों की पारी खेलते हुए मुकाबला ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। वहीं हेनरिक क्लासेन ने 35 रन बनाए। मुकाबला ड्रॉ होने के साथ ही साउथ अफ्रीका ह्वाइटवॉश होने से बच गई।
सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने से भारत को हुआ फायदा
दरअसल, सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने के बाद WTC अंकतालिका में साउथ अफ्रीका के 48.72 प्रतिशत अंक है, जबकि इस मैच से पहले उसके 50 प्रतिशत अंक थे। अगर यहां साउथ अफ्रीका हार जाता तो भारत के लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचने में आसानी होती। टीम इंडिया के इस समय 58.93 प्रतिशत अंक है और वह दूसरे पायदान पर है।
टीम इंडिया को फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज खेलनी है। यह सीरीज ही तय करेगा कि भारत WTC फाइनल में पहुंचता है या नहीं। वहीं साउथ अफ्रीका के फाइनल में पहुंचने के चांस अभी भी है। अगर वह घर में वेस्टइंडीज को 2 मैचों की सीरीज में क्लीन स्वीप करती है तो टीम इंडिया को टक्कर दे सकती है।
वहीं WTC अंकतालिका में तीसरे पायदान पर श्रीलंका 53.33 प्रतिशत के साथ है, जो भारत का खेल बिगाड़ सकता है। उसके पास भी फाइनल में पहुंचने के चांस है। अगर श्रीलंकाई टीम न्यूजीलैंड को मात देती है तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा। पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश पहले फाइनल की रेस से बाहर हो चुके हैं।