इंडियन टी-20 लीग में राजस्थान की ओर से खेलने वाले अजीत चंदीला, एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण को 2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था और भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने तीनों लाइफ बैन लगा दिया था। इस मामले में श्रीसंत और अंकित के बैन को बोर्ड पहले ही हटा चुका है। वहीं अब बोर्ड ने अजीत चंदिला से भी बैन हटा लिया है।
आज से 10 साल पहले जब इन तीनों खिलाड़ियों पर बैन लगा तो तीनों का क्रिकेटिंग करियर बर्बाद हो गया। श्रीसंत औ अंकित से जब बैन हटा तो उनकी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ गई। श्रीसंत ने तो घरेलू क्रिकेट में भी वापसी कर ली। हालांकि, अजीत चंदीला को राहत नहीं मिली थी।
अब भारतीय क्रिकेट बोर्ड लाइम टाइम बैन झेल रहे अजीत पर मेहरबान हुई है और बोर्ड के लोकपाल विनीत सरन ने उनका लाइफ बैन हटाने का फैसला किया है। उन्होंने इस बैन को घटाकर 7 साल कर दिया है। यह 2016 लागू माना गया है।
बोर्ड ने हटाया आजीवन प्रतिबंध
अपने आदेश में विनीत सरन ने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अजीत चंदीला को 17.05.2013 को सभी क्रिकेट गतिविधियों से निलंबित कर दिया था। आवेदक के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही के अलावा बोर्ड द्वारा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू की गई थी। आवेदक का दिनांक 04.11.2019 का प्रतिनिधित्व स्वीकार किया जाता है और उन्हें श्रीसंत और अंकित चव्हाण के साथ समानता प्रदान करने के लिए उनकी अपील मानी जाती है।
उन्होंने आगे कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड अनुशासनात्मक समिति के 18.01.2016 के आदेश द्वारा उन पर लगाया गया आजीवन प्रतिबंध घटाकर 7 वर्ष की अवधि के लिए कम किया जाता है।
बता दें कि बैन हटने के बाद श्रीसंत ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की और साल 2022 रणजी ट्रॉफी में केरल की ओर से मेघायल के खिलाफ मैच भी खेला था। वहीं अंकित चव्हाण भी मुंबई के एक क्लब के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। बहरहाल देखने वाली बात है कि बैन हटने के बाद क्या अजीत चंदीला क्रिकेट में वापसी कर पाएंगे या नहीं।