इंडियन टी-20 लीग का पहला संस्करण आज से 15 साल पहले साल 2008 में शुरू हुआ था। उसके बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट में खिलाड़ियों के वर्कलोड को बहस छिड़ी हुई है, क्योंकि कई मौकों पर यह देखा गया कि इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के कमिटमेंट के कारण नेशनल टीम को काफी प्रभाव पड़ा है।
अब हाल ही में यह खबर आई है कि खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड इंडियन टी-20 लीग फ्रेंचाइजियों से चर्चा करने पर विचार कर रहा है। यह इस साल अक्टूबर-नवंबर में शुरू होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए भी काफी महत्वपूर्ण है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सूत्र ने टेलिग्राफ से कहा कि बैठक में फ्रेंचाइजी को बताया जाएगा कि एनसीए खिलाड़ियों की फिटनेस पर कैसे नजर रखना चाहता है। हाल में खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण बोर्ड को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। रवींद्र जडेजा के अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के दौरान वापसी की उम्मीद है। वहीं जसप्रीत बुमराह की वापसी अभी भी संदेह के घेरे में है।
सीईओ वेंकी मैसूर ने कही ये बात
कोलकाता फ्रेंचाइजी के सीईओ वेंकी मैसूर ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया है कि कुछ भी ऑफिसियल नहीं आया है और वे मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर किसी तरह का बयान नहीं देंगे। उन्होंने कहा, 'इसके बारे में कुछ भी आधिकारिक नहीं है। भारतीय बोर्ड ने हमें कुछ नहीं बताया है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
एक फ्रेंचाइजी अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, भारतीय बोर्ड किसी खिलाड़ी को तब तक आराम देने का निर्देश नहीं दे सकता जब तक कि वह अनफिट न हो। आखिरकार, खिलाड़ियों का फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध होता है।'
उन्होंने आगे कहा, फ्रैंचाइजी फिजियो और मेशर्स को भी नियुक्त करता हैं, जिन्होंने पहले नेशनल टीमों के साथ काम किया है और इसलिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड को घबराने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, इन अटकलों पर भारतीय फैन्स ने कमेंट्स और प्रतिक्रियाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों के वर्कलोड को लेकर मजेदार मीम्स शेयर किए।