जब से इंडियन टी-20 लीग का आगाज हुआ है, तब से हर सीजन कोई-न-कोई युवा भारतीय खिलाड़ी उभरकर सामने आता है। साथ ही इससे उन्हें भारतीय सीनियर टीम में भी जगह मिल रही है और वे स्थायी खिलाड़ी बन जा रहे हैं। टूर्नामेंट के 15वें संस्करण में भी ऐसा देखने को मिल रहा है जिसमें नया नाम बैंगलोर के अनुज रावत का है। अनुज ने 9 अप्रैल को 66 रनों की शानदार पारी खेलकर बैंगलोर को मुंबई के खिलाफ सात विकेट से जीत दिलाई।
कौन हैं अनुज रावत जिन्होंने बैंगलोर को एकतरफा जीत दिलाई?
अनुज रावत मूल रूप से उत्तराखंड राज्य में स्थिति नैनीताल जिले के रामनगर कस्बे के रहने वाले हैं। उनके पिता किसान एवं मां गृहणी हैं। 22 वर्षीय अनुज ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता से कह दिया था कि वे पेशेवर क्रिकेटर बनना चाहते हैं। चूंकि रामनगर जैसे छोटे कस्बे में क्रिकेट की सुविधाएं नहीं थीं इसलिए अनुज के पिता ने फैसला किया कि वे अपने बेटे को दिल्ली भेज देंगे।
उत्तराखंड से ही ताल्लुक रखने वाले ऋषभ पंत की तरह ही रावत भी आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं। उन्होंने अक्टूबर 2017 में दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में पर्दापण किया था। 2017-18 सीजन में रावत ने अपने पहले दो रणजी ट्रॉफी मैचों में ही अर्धशतक लगा दिया था, जबकि उनका पहला शतक दिसंबर 2018 में मध्यप्रदेश के खिलाफ आया था जब उनकी टीम 36/5 के स्कोर पर मुश्किल में थी।
अनुज ने हालिया सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था जब उन्होंने पांच पारियों में ही 15 चौके और 10 छक्के लगा दिए थे। इसके अलावा 2021-22 विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 58.33 की औसत और 108.69 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। साल 2016-17 में रावत को दिल्ली की अंडर-19 टीम में जगह मिल गई। अगले सीजन में उन्होंने रणजी डेब्यू किया। इसके बाद सफर चल निकला वह एशिया कप अंडर-19 टीम का हिस्सा थे।
वहीं, उनके इंडियन टी-20 लीग के करियर की बात करें तो यह उनका तीसरा सीजन है। उन्हें 2020 नीलामी में राजस्थान ने खरीदा था जबकि इस साल बैंगलोर ने उन्हें 3.4 करोड़ में लिया। राजस्थान से खेलते हुए उन्हें सिर्फ एक मैच में मौका मिला जिसमें विफल होने पर उन्हें बाहर कर दिया गया। हालांकि, बैंगलोर के लिए वे हर मुकाबले में उतरे हैं और शानदार ओपनिंग कर रहे हैं।