बीसीसीआई के इंडियन टी-20 लीग के आगामी संस्करण के लिए 7 और 8 फरवरी को बैंगलोर में मेगा ऑक्शन आयोजित करने की संभावना है। इसकी जानकारी बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने दी है। लीग के 15वें संस्करण में दस टीमें शामिल होंगी, क्योंकि मौजूदा आठ टीमों के साथ दो नई फ्रेंचाइजी लखनऊ और अहमदाबाद जुड़ गये हैं। आगामी होने वाला मेगा ऑक्शन आखिरी भी हो सकती है, क्योंकि कई फ्रैंचाइजी मानते हैं कि इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है।
बैंगलोर में आयोजित मेगा ऑक्शन
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जब तक कोविड-19 की स्थिति खराब नहीं होती, मेगा ऑक्शन भारत में होगा। यह दो दिवसीय कार्यक्रम 7 और 8 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। अन्य वर्षों की तरह हम इसे बैगलोर में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं और तैयारी चल रही है।
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण कोविड-19 के बढ़ते खतरे के साथ मेगा ऑक्शन को देश से बाहर स्थानांतरित करने की संभावना है। इसकी सबसे अधिक संभावना है कि यह संयुक्त अरब अमीरात में हो। हालांकि इसको लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
25 दिसंबर तक खिलाड़ियों को चुनने का समया
इससे पहले मौजूदा आठ टीमों ने मेगा ऑक्शन से पहले खिलाड़ियों को रिटेन किया है, जबकि दो नई फ्रेंचाइजी के पास तीन गैर-रिटेन किए गए खिलाड़ियों को चुनने के लिए 25 दिसंबर तक का समय है। लेकिन लगता है कि यह समय सीमा बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के सीवीसी स्पोर्ट्स को अभी तक बीसीसीआई से आशय पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। कंपनी को लेकर यह सामने आया है कि उसका यूनाइटेड किंगडम में स्थित सट्टेबाजी फर्मों में निवेश है।
मेगा ऑक्शन की उपयोगिता समाप्त हो गई है
कई फ्रैंचाइजी मालिकों को लगता है कि मेगा ऑक्शन की उपयोगिता समाप्त हो गई है, क्योंकि सभी टीमों का लक्ष्य अब एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। केवल कुछ खिलाड़ियों के रिटेन से सभी फ्रेंचाइजी उन महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को खो देते हैं, जिन पर वे काफी समय व्यतीत करते हैं।
उदाहरण के लिए दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने व्यक्त किया कि फ्रेंचाइजी के लिए अपने खिलाड़ियों को छोड़ना कितना मुश्किल था।
उन्होंने रिटेंशन की घोषणा के बाद कहा कि श्रेयस अय्यर, शिखर धवन, कगिसो रबाडा और अश्विन को खोना बहुत दुखद है। नीलामी की प्रक्रिया ही कुछ इस प्रकार है। आगे जाकर इस ध्यान दिया जाना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं है कि आप एक टीम बनाते हैं। युवा खिलाड़ियों को मौका देते हैं, उन्हें तैयार करते हैं और उन्हें फ्रेंचाइजी से अवसर मिलते हैं, देश के लिए खेलते हैं और फिर आप उन्हें तीन साल बाद खो देते हैं।