बीते मंगलवार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी-20 मुकाबला खेला गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 4 विकेट से जीत हासिल कर ली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 208 रनों का बड़ा स्कोर बनाया लेकिन गेंदबाजी में भारत का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा।
हालांकि भारत की गेंदबाजी में दो चीजें ऐसी देखने को मिली जिसके बारे में कई लोगों के दिमाग में सवाल उठे। पहली यह चीज रही की उमेश यादव को टीम में जगह क्यों दी गई। गौरतलब है कि वह टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में शामिल नहीं हैं और न ही वह वह रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर टीम का हिस्सा हैं। बता दें कि वह मोहम्मद शमी के कोविड पॉजिटिव होने के वजह से वह उनके बैकअप हैं।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उमेश यादव को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 मुकाबले में खिलाने का कोई तुक नहीं बनाता। इस सीरीज में शमी अचानक से बाहर हो गए, जसप्रीत बुमराह को चोट से उभरने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है, वहीं अर्शदीप सिंह को इस श्रृंखला के लिए आराम दिया गया है। दीपक चाहर ऐसे गेंदबाज होते जो इस पेस अटैक को बरकरार रखते क्योंकि वह रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा हैं। लेकिन यह एक बहस का विषय है।
हालांकि उमेश यादव की यहाँ कोई गलती नहीं क्योंकि उन्होंने दो विकेट चटकाए और अपना काम किया। यह टीम प्रबंधन और चयनकर्ता हैं जिन्हें कुछ कड़े सवालों के जवाब देने की जरूरत है। की कैसे यह चयन टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में भारत के प्रदर्शन में मदद करेंगे।
अक्षर पटेल होंगे जडेजा के सब्स्टिट्यूट?
दूसरी एक चीज जो देखने को मिली वह अक्षर पटेल का टीम में चयन था। अपने 4 ओवर में 3 विकेट लेकर 17 रन देने वाले अक्षर टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए रवींद्र जडेजा के सब्स्टिट्यूट बनते जा रहे हैं। जब टीम को जडेजा की कमी खल रही थी तब अक्षर उस संतुलन को बनाए रखने में थोड़े कारगर साबित हुए। हालांकि अक्षर जडेजा जैसी बल्लेबाजी क्षमता नहीं रखते इसलिए जडेजा जैसा प्रदर्शन करना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं। लेकिन गेंदबाजी में अक्षर जडेजा से बेहतर रिजल्ट दे रहे हैं।
ऐसे में सवाल यह आता है की क्या वह जडेजा के सब्स्टिट्यूट होंगे। तो इसका जवाब होगा शायद नहीं, क्योंकि वह हमेशा जडेजा के बैकअप रहे हैं, लेकिन साथ ही, उन्होंने धैर्यपूर्वक अपने मौके आने का इंतजार किया है। अब, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ और अधिक मौकों मिलने के साथ, पटेल को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। यह उनका समय है जहां वह अपनी काबिलियत दिखा सकते हैं और एक ऑल राउंडर के तौर पर टी-20 वर्ल्ड कप में टीम में जगह बना सकते हैं।